प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सिविल और रक्षा सेवाओं के कर्मचारियों के उचित वेतनमान का पक्ष लिया।
छठे वेतन आयोग की सिफारिश में भेदभाव किए जाने के आरोपों पर आज उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर उचित ढंग से विचार किया जाएगा। वे नई दिल्ली में आयोजित तीसरे सिविल सेवा दिवस के अवसर पर बोल रहे थे।
सिंह ने उनसे कहा, ”मैं अपने रक्षा और सिविल सेवा से जुड़े कर्मियों को यह बताना चाहता हूं कि उन्हें उचित पारिश्रमिक दिया जाएगा। मेरा यह भी मानना है कि करदाता हममें से किसी से भी भेदभाव नहीं करेंगे। हम हर तरह से अपनी जनता की सेवाएं प्रभावी ढंग से कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही सरकारी कर्मचारियों की विभिन्न मांगों और उनके सरोकारों पर गौर करने के लिए एक व्यवस्था की है।
छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों पर उठ रहे विभिन्न सवालों और उससे जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए हमने कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन करने की पिछले सप्ताह घोषणा की है।
काम की बेहतर स्थिति को ध्यान में रखने के लिए इसमें लगातार सुधार की जरूरत पर बल दिया जा रहा है। कर्मचारियों की बेहतरी के लिए भी कोशिशें की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं सिविल सेवा से जुड़े अधिकारियों से भी उच्च स्तर के अनुशासन और शिष्टाचार की उम्मीद करता हूं।’ ‘ संसद में भी वेतन आयोग की संस्तुतियों पर हंगामा हुआ और इस पर संसदीय समिति बनाने की मांग की गई।