देश के तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर के बैंक Axis Bank ने विभिन्न अवधि वाले कर्ज के लिए मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की बढ़ोतरी की है। बैंक के इस कदम से ग्राहकों के लिए पर्सनल, होम और ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे।
इस बढ़ोतरी के बाद ओवरनाइट से लेकर 3 साल तक की अवधि के लिए बैंक का MCLR अब 8.15 प्रतिशत से 8.50 प्रतिशत के बीच है। बैंक की नई एमसीएलआर दरें 18 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी हो चुकी हैं।
बैंक द्वारा एमसीएलआर (MCLR) में बढ़ोतरी आरबीआई की तरफ से पिछले महीने रीपो रेट में बढ़ोतरी के बाद की गई है। सितंबर में आरबीआई ने बेंचमार्क रीपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ा दिया गया था जिसके बाद रीपो रेट 5.90 प्रतिशत हो गई।
यह MPC द्वारा रीपो रेट में लगातार तीसरी वृद्धि थी। मई में पहली बार MPC ने रीपो रेट में वृद्धि की थी तब से लेकर अब तक रीपो रेट में 190 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि हो चुकी है।
पिछले हफ्ते ही देश के सबसे बड़े बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक ने 15 अक्टूबर से अपने MCLR में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी जिसके कारण ओवरनाइट से लेकर 3 साल तक की अवधि के लिए MCLR बढ़कर अब 7.60 प्रतिशत और 8.25 प्रतिशत के बीच है।
प्राइवेट सेक्टर के कोटक महिंद्रा बैंक ने भी 16 अक्टूबर से विभिन्न अवधि के लिए अपने MCLR में वृद्धि की। ओवरनाइट से लेकर 3 साल तक की अवधि के लिए बैंक का MCLR अब 7.70 प्रतिशत से 8.95 प्रतिशत के बीच है।
कोच्चि स्थित फेडरल बैंक ने अपने एक साल के MCLR को संशोधित (revised) कर 8.70 प्रतिशत कर दिया है।
पंजाब नेशनल बैंक, ICICI बैंक, Yes बैंक, HDFC बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा उन lenders में से हैं जिन्होंने RBI द्वारा दर बढ़ाने के तुरंत बाद ही अपने MCLR को बढ़ा दिया था।