अब गांवों में मोबाइल का बिल और कम होने की पूरी उम्मीद बंध गई है।
टेलीकॉम नियामक संस्था ट्राई ने निजी मोबाइल ऑपरेटरों से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा बीएसएनएल को दिया जाने वाला शुल्क न लिए जाने का फैसला लिया है।
हालांकि इस फैसले से बीएसएनएल को खासा नुकसान पहुंचने की आशंका है। इसके अलावा, ट्राई ने अंतरराष्ट्रीय कॉलों में वसूले जाने वाले एक रुपए प्रति मिनट (इनकमिंग कॉल्स पर ) के एडीसी को भी घटाकर 50 पैसे कर दिया है। निजी मोबाइल ऑपरेटरों से ग्रामीण सेवाओं को चलाने के एवज में बीएसएनएल द्वारा लिया जाने वाला यह शुल्क एक्सेस डेफिसिट चार्ज (एडीसी) के नाम से जाना जाता है।
इसके चलते मोबाइल संचालन के लिए मुनाफे का बाजार न समझे जाने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से ये निजी कंपनियां कतराती रही हैं। बीएसएनएल इस शुल्क को बररकरार रखने की पैरवी करती रही है क्योंकि इस मद में उसे सालाना 5000 करोड़ रुपए की कमाई होती है। दूसरी ओर, निजी कंपनियां मुनाफे की राह में इसे बड़ा अवरोध मानते हुए इसकी खिलाफत करती रही हैं।
2003 में लागू हुए एडीसी के प्रावधान पर निजी कंपनियों का पक्ष मानते हुए ट्राई ने एडीसी को 1 अप्रैल 2008 से खत्म करने की बात कही है।