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UP Cabinet ने FDI नीति को दी मंजूरी, फॉर्च्यून 500 कंपनियों के लिए नयी नीति का भी एलान

नीति का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा एफडीआई व विश्वस्तरीय कम्पनियों को निवेश के लिए आकर्षित करना है।

Last Updated- October 31, 2023 | 8:04 PM IST
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उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt) ने प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं में होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश को प्रोत्साहन के लिए नयी नीति का एलान किया है।

नीति का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा एफडीआई व विश्वस्तरीय कम्पनियों को निवेश के लिए आकर्षित करना है।

फॉर्च्यून-500 कम्पनियों को खास प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव 

मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में नीति को मंजूरी दी गयी। नीति के मुताबिक एफडीआई और फॉर्च्यून-500 कम्पनियों को खास सुविधाएं, रियायतें व वित्तीय प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव किया गया है।

नीति के तहत पात्र परियोजनाओं को औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की वर्तमान आवंटन दरों में रियायत करते हुए भूमि आवंटन किया जाएगा।

परियोजनाओं को भूमि की लागत को छोड़कर पात्र पूंजी निवेश (ईसीआई) पर, गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में पूंजी निवेश का 25 फीसदी, पश्चिमांचल में गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद को छोड़कर एवं मध्यांचल में पात्र पूंजी निवेश का 30 फीसदी जबकि बुन्देलखण्ड व पूर्वांचल में पात्र पूंजी निवेश का 35 फीसदी पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा 100 करोड़ रुपये सालाना होगी जोकि सात समान वार्षिक किस्तों में दी जाएगी।

इस योजना के तहत आने वाली परियोजनाओं को 100 फीसदी की दर से एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति की जाएगी। जो जमीन की लागत को छोड़ कर ईसीआई की अधिकतम सीमा के बराबर होगी।

नीति में कहा गया है कि अगर कंपनी को परिवर्तनीय कर ढांचे (इन्वर्टेड टैक्स स्ट्रक्चर) का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण वह आउटपुट टैक्स के भुगतान के लिए कैपिटल गुड्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का उपयोग नही कर पा रहा है या रिफंड नहीं ले पा रहा है तो प्रदेश सरकार कैपिटल गुड्स पर किए गए एसजीएसटी को वापस करेगी।

इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में पांच सालों के लिए 100 फीसदी छूट

एफडीआई या फॉर्च्यून 500 कंपनियों को निवेश करने पर उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 में दी जाने वाली स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क में क्षेत्रवार छूट मिलेगी। इसके साथ ही इन कंपनियों को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में पांच सालों के लिए 100 फीसदी छूट मिलेगी।

नीति के मुताबिक इस तरह की सभी परियोजनाओं में प्रदेश सरकार पांच साल की अवधि में प्रति व्यक्ति 5000 रुपये की सीमा तक अधिकतम 500 लोगों को प्रशिक्षित करने की लागत की प्रतिपूर्ति करेगी। नीति के तहत लगने वाली इकाई के परिसर में एफ्लुएण्ट ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट और कॉमन एफ्लुएण्ट ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट स्थापित करने पर लागत का 50 फीसदी या 2.5 करोड़ रुपये, जो भी कम होगा, की पूंजीगत सब्सिडी एकमुश्त प्रदान की जाएगी।

परियोजना के परिसर की 10 किमी की परिधि में श्रमिकों के आवास या डॉरमिटरी और सामूहिक सुविधा के विकास की लागत का 10 फीसदी या 10 करोड़ रुपये, जो भी कम होगा, 7 समान वार्षिक किश्तों में दिया जाएगा। संयंत्रों को विदेशी अथवा घरेलू कार्यस्थलों से उत्तर प्रदेश में स्थानान्तरित करने वाली फर्मों को विनिर्माण उपकरणों के आयात पर अधिकतम 2 करोड़ रुपये प्रति इकाई तक की परिवहन लागत की 50 फीसदी प्रतिपूर्ति दी जाएगी।

नीति में पेटेण्ट पंजीकरण हेतु किए गए शुल्क-व्यय के 75 फीसदी की दर से एकमुश्त प्रतिपूर्ति एक किश्त में की जाएगी, जो घरेलू पेटेण्ट प्राप्त करने के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तथा अन्तरराष्ट्रीय पेटेण्ट प्राप्त करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये की सीमा के तहत होगी।

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को दो निशुल्क एलपीजी सिलिंडर रिफिल दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एक अन्य फैसले में प्रदेश के छह विकास प्राधिकरणों व आवास विकास परिषद को जमीन अधिग्रहण के लिए सीड कैपिटल के तौर पर चालू वित्त वर्ष में 1580 करोड़ रुपये की पहली किश्त दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

इसके तहत अयोध्या विकास प्राधिकरण को 30 करोड़ रुपये, मेरठ विकास प्राधिकरण को 200 करोड़ रुपये, आगरा विकास प्राधिकरण को 150 करोड़ रुपये, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण को 200 करोड़ रुपये, आवास एवं विकास परिषद को 400 करोड़ रुपये, वाराणसी विकास प्राधिकरण को 400 करोड़ रुपये तथा कानपुर विकास प्राधिकरण को न्यू कानपुर सिटी योजना के लिए 150 करोड़ रुपये व विनगवां आवासीय योजना के लिए 50 करोड़ रुपये की पहली किश्त मिलेगी।

First Published - October 31, 2023 | 8:04 PM IST

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