किशोर बियाणी के नेतृत्व वाली कंपनी ने बुधवार को जानकारी दी कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन द्वारा समझौतों (जो भारतीय कंपनी की गैर-सूचीबद्घ इकाई के साथ किए गए) के समावेश के जरिये फ्यूचर रिटेल पर नियंत्रण की कोशिश फेमा एफडीआई नियमों का उल्लंघन होगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 दिसंबर के निर्णय के बारे में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा कि उसके बोर्ड ने रिलायंस रिटेल को परिसंपत्तियां बेचने के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दी है जिसे अदालत द्वारा कानूनी रूप से वैध माना गया है। उच्च न्यायालय ने सोमवार को फ्यूचर गु्रप-रिलायंस रिटेल सौदे के खिलाफ वैधानिक प्राधिकरणों को प्रतिनिधित्व का अधिकार दिए जाने के एमेजॉन के अधिकार का समर्थन किया। हालांकि उसने अपने आदेश में कई आपत्तियां भी जताईं जिससे फ्यूचर रिटेल की पैतृक फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में अमेरिकी कंपनी के 2019 के निवेश को समाप्त किया जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने तीन समझौतों – फ्यूचर रिटेल के शेयरधारकों का एफसीपीएल (एफआरएल एसएचए) के साथ समझौता, एफसीपीएल के शेयरधारकों का एमेजॉन (एफसीपीएल एसएचए) के साथ समझौता और एमेजॉन (एफसीपीएल एसएसए) के साथ एफसीपीएल का शेयर सबस्क्रिप्शन समझौता – के सभी क्लॉज पर विचार किया है।