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Covid-19 Alert: केंद्र सतर्क व राज्यों में कल मॉक ड्रिल

Last Updated- December 25, 2022 | 10:32 PM IST
Serum Institute of India to apply for license of JN.1 Covid variant vaccine

चीन और कुछ अन्य देशों में Covid-19 के नए मामले उजागर होने के कारण भारत सतर्क हो गया है। कोविड-19 की तैयारी के सिलसिले में राज्य मंगलवार को मॉक ड्रिल करेंगे। इसमें राज्य कोविड 19 से निपटने की आधारभूत संरचनाओं बिस्तरों, ऑक्सीजन की आधारभूत संरचना, वेंटिलेशन इकाइयों, मानव संसाधन की तैयारी का जायजा लेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को बताया था कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हॉन्ग कॉन्ग और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर की जांच अनिवार्य की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इन देशों से आने वाले किसी यात्री में लक्षण मिलने या जांच में कोरोना होने की पुष्टि होने पर पृथक वास में रखा जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को नवीनतम आंकड़ों का हवाला देकर बताया कि देश में नए कोरोना विषाणु संक्रमण के 227 नए मामले और कुल 3,424 सक्रिय मामले उजागर हुए। भारत ने इस सप्ताह की समाप्ति से विदेश से आने वाले दो फीसदी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग शुरू कर दी है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जीनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर लैब ने फिर से परीक्षण करने शुरू कर दिया। दरअसल यात्रियों पर प्रतिबंध हटाए जाने के बाद इस लैब ने परीक्षण करना बंद कर दिया था।

दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर रोजाना कम से कम औसतन 25,000 यात्री आते हैं। इनमें में 500 का रैंडम परीक्षण किया जा रहा है। प्रयोगशाला ने जानकारी दी कि पहले दिन (शनिवार को) की समाप्ति पर करीब 110 परीक्षण हुए थे। उसने बताया,’रैंडम सैंपलिंग के तहत नमूने देने के बाद यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने की इजाजत दी जाएगी।’ जेनस्ट्रिंग्स ने दो साल के दौरान 25 लाख से अधिक कोविड टेस्ट किए थे। सूत्रों के मुताबिक बंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 120 नमूनों का परीक्षण किया गया। इनमें से कोई भी संक्रमित नहीं मिला।

राज्य 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल की तैयारी में जुट गए हैं। तमिलनाडु में चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) आर शांति मलार ने राज्य के सभी 36 मेडिकल कालेजों को स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। इस राज्य ने बताया कि राज्य में मरीजों के लिए 72,000 बिस्तर तैयार हैं और कोरोना की दवाओं व ऑक्सीजन का तीन महीने का स्टॉक है। इस राज्य ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि आपातकाल से निपटने के लिए पृथकवास बिस्तर, ऑक्सीजन और वेंटीलेटर तैयार रखें। राज्य ने डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना फैलने की स्थिति में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।

केरल सरकार ने लोगों से कोविड के दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है। राज्य में कोविड पर निगरानी रखने वाले प्रकोष्ठ ने फिर से कार्य करना शुरू कर दिया है। यह प्रकोष्ठ अस्पताल में मरीजों की भर्ती, परीक्षण की दर, मृत्यु दर आदि की निगरानी करता है। राज्य ने यह फैसला किया है कि वह जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए अधिक नमूनों को भेजेगा।
गुजरात सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) मनोज अग्रवाल से कई बार प्रयास करने के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया। हालांकि राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सरकारी इकाइयों में मॉक ड्रिल शुरू हो चुकी है। एक अधिकारी ने कहा, ‘ज्यादातर उपकरण सही ढंग से काम कर रहे हैं। नए वैरिएंट से निपटने के लिए पृथकवास की जरूरत होगी। लिहाजा नए वार्डों को तैयार कर दिया गया है। मरीजों की भर्ती और प्रबंधन की तैयारियां की गई हैं।’

अधिकारियों के मुताबिक मांग बढ़ने की स्थिति में ‘प्रेशर स्विंग एडजारप्शन’ (पीएसए) की स्थापित इकाइयां 50 फीसदी से अधिक की मेडिकल ऑक्सीजन की मांग को पूरा करेंगी। महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक मंगलवार को होने वाले मॉक ड्रिल में सरकारी इकाइयां ही हिस्सा लेंगी। राज्य मॉक ड्रिल की तैयारी में जुटा हुआ है। . चीन में कोरोना के मामलों में उछाल आने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर की तैयारी का जायजा लेने के लिए मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित राज्यों के लिए पत्र जारी किया था।

इसमें कहा गया कि सभी राज्यों में आपातकाल से निपटने के लिए स्वास्थ्य इंतजाम करना महत्त्वपूर्ण हो गया है। पत्र में कहा गया,’लिहाजा देश भर में 27 दिसंबर, 2022 को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं (चिह्नित कोविड स्वास्थ्य सुविधाओं सहित) में मॉक ड्रिल करने का फैसला किया गया है।’ भूषण ने बताया कि सभी राज्यों को बिस्तरों, पृथक और जीवनरक्षक दोनों का ‘ड्राइ रन’ करने का निर्देश दिया गया है। इसमें मानव संसाधन पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा – जिनमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, आयुष प्रैक्टीशनर और फ्रंटलाइन वर्कर जैसे आंगनवाड़ी श्रमिक शामिल होंगे। इस ड्रिल में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों की देखभाल और ऑक्सीजन आपूर्ति, वेंटीलेटर आदि का समुचित प्रशिक्षण मुहैया कराया जाए।

नर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व दिल्ली नर्स फेडरेशन के महासचिव लीलाधर रामचंदानी ने कहा,’ कोई भी पद खाली नहीं है। पुराना स्टॉफ काम कर रहा है।’ जन स्वास्थ्य की विशेषज्ञ और दिल्ली में कोविड टॉस्क फोर्स के हिस्से आईसीएमआर की सलाहकार डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा,’इसमें सिस्टम का आकलन किया जाएगा। इसके छह स्तंभ हैं। ये हैं – अस्पताल का संचालन कौन कर रहा है और कितने लोग प्रशिक्षित किए गए हैं, हमें कितने बिस्तर मिले हैं, ऑक्सीजन का कैसे इस्तेमाल करना है, रसद की आपूर्ति के लिए कितनी तैयारी है और रिपोर्टिंग के तंत्र।’ उन्होंने कहा,’हम पहले से ही टेली मेडिसन प्लेटफॉर्म पर हैं। सभी को एकजुट कर सिस्टम को मजबूत बनाया गया है।’ गर्ग ने कहा कि अभी हमारे पास ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति है। उन्होंने कहा,’दिल्ली के संदर्भ में हमारे पास सिलिंडरों सहित 942 टन ऑक्सीजन है। इसके अलावा 6,000 अतिरिक्त सिलिंडर हैं। इनके परिवहन के लिए 13 अतिरिक्त वाहन तैयार हैं।’ उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देकर बताया कि दिल्ली में अभी 8,000 बिस्तर हैं लेकिन क्षमता 22,000 बिस्तरों की है। अगर हमें जरूरत होगी तो हम 30,000 से अधिक बिस्तर बढ़ा देंगे।

First Published - December 25, 2022 | 10:08 PM IST

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