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जून में बड़े पांच म्युचुअल फंडों के 14,800 करोड़ रुपए डूबे

Last Updated- December 07, 2022 | 9:01 AM IST

शेयर बाजार में गिरावट और नकदी की स्थिति में सख्ती के कारण म्युचुअल फंड उद्योग के एसेट अंडर मैनेजमेंट (एएमयू) का बुरा हाल है।


इसका इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अकेले जून के महीने में ही टॉप पांच फं डों के 14,800 करोड़ रुपये डूब गए हैं। देश के सबसे बड़े म्युचुअल फंड हाउस रिलायंस म्युचुअल फंड के एएमयू  में अचानक आठ फीसदी की गिरावट आई है और यह कुल 7,617 करोड़ का हो गया है।

यही हाल एचडीएफसी और यूटीआई म्युचुअल फंडों का है जिनमें क्रमश:छह से सात फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एएमयू ने मामूली 0.7 फीसदी का उछाल हासिल किया है और यह 59,474 करोड़ रुपये हो गया है।

अकेले जून महीने की बात करें तो एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड इन इंडिया यानी एएमएफआई के मुताबिक टॉरस और आईएनजी म्युचुअल फंडों को छोड़कर कुल एएमयू 5,56,103.17 करोड़ रुपये का था। फंड हाउसों के मुताबिक एएमयू में आई हालिया गिरावट का कारण एडवांस टैक्स पेमेंट और इक्विटी बाजार में अनिश्चितता का माहौल होना है। उधर सेंसेक्स भी नौ जनवरी के बाद से 30 फीसदी तक गिर चुका है। जबकि नौ जनवरी को यह अपने सबसे ऊंचे 21,113.13 के अंक को छू गया था।

बहरहाल इन सबके बीच आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड की एसेट में बढ़त की वजह इसका डेट कारोबार में सबसे ऊंचे स्थान पर होना है। इस फंड हाउस के सीईओ विक्रांत गुनगानी कहते हैं कि बाजार में अनिश्चितता का असर होने से मार्क-टू-मार्केट घाटा कुल 4,000 से 4,500 करोड़ रुपये का है। एएमयू में गिरावट के बारे में वे कहते हैं कि एडवांस टैक्स पेमेंट के कारण निवेशकों ने रिडम्पशन करना शुरू कर दिया और लिहाजा गिरावट तय थी। उन्होने कहा कि हमारे पास 19 से 20 फीसदी का कैश लेवल है।

बाजार में इस तेज गिरावट के बावजूद फंड प्लेयरों को नही लगता कि उद्योग पर किसी प्रकार के रिडंपशन का दवाब है। जयदीप भट्टाचार्य (चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, यूटीआई म्युचुअल फंड) कहते हैं कि इक्विटी फंडों में बड़े स्तर पर निश्चित पैसे नहीं आ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद किसी प्रकार का रिडंपशन का दवाब नहीं है। फिर भी,फंड मैनजरों का मानना है कि आने वाले दो महीने इस उद्योग के लिए खासे मुश्किल भरे साबित हो सकते हैं और अगर अनिश्चतता का माहौल इसी प्रकार जारी रहा तो एएमयू में आगे भी गिरावट दर्ज की जा सकती है।

First Published - July 3, 2008 | 9:22 PM IST

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