मंगलवार को संसद में केंद्र की कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के भाग्य का निर्णय मतदान के जरिए होने जा रहा है। बाजार की पैनी निगाहें सोमवार को भी छन छन कर आती खबरों पर कान लगाए रहीं।
सोमवार को सेंसेक्स करीब 215 अंक तेजी लेकर बंद हुआ है। विश्लेषक भी दिन भर यही कयास लगाते रहे कि मंगलवार को सरकार का पासा किस दिशा में जाएगा। और सरकार गिरी तो बाजार का क्या होगा और सरकार बनी रही तो क्या करवट लेगा बाजार।
पहली स्थिति: विश्वास मत मिला।
परिणाम: तो जाहिर है वह सत्त्ता में बनी रहेगी और जल्दी चुनाव की नौबत नहीं आएगी। बाजार को इसी परिणाम की उम्मीद है, भले ही जीत का मार्जिन काफी कम हो। हालांकि जीत का मार्जिन काफी कम हुआ तो सरकार को अपने सुधार कार्यक्रमों को आगे ले जाने में दिक्कतें भी आएंगीं। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यूं भी सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम महीनों में बहुत बड़े सुधार करने की नहीं सोचेगी।
प्रतिक्रिया: शेयर बाजार और रुपये दोनों में ही थोड़े समय के लिए सुधार देखा जा सकता है। केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में प्रस्तावित वृध्दि केचलते उभरी मौद्रिक चिंताओं से उबरने में सरकारी बांडों में कुछ कमजोरी देखी जा सकती है। लेकिन मामूली सुधार के बावजूद महंगाई, ब्याज दरों और तेल की कीमतों का मुद्दा सरकार के सामने फिर से मजबूती से उभर जाएगा।
टिप्पणी:
ए. प्रसन्ना, अर्थशास्त्री, आईसीआईसीआईसिक्योरिटीज
बाजार कुछ हद तक कांग्रेस की जीत पर दांव लगा रहा है। सरकार जीती तो शेयर बाजार थोड़ा जोश से भर सकता है।
रूपा रेगे, मुख्य अर्थशास्त्री, बैंक ऑफ बड़ौदा
वामदलों केसरकार से हटने को बाजार ने बेहद सकारात्मक ढंग से लिया था। इसे ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि अब जो भी नतीजा आएगा, उस पर बाजार की बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया होगी।
दूसरी स्थिति: विश्वास मत नहीं मिला।
परिणाम: सरकार हार जाएगी और अगले चुनावों तक अस्थाई रूप से (केयरटेकर सरकार)कार्य करती रहेगी। कुल मिलाकर इस साल के अंत तक तो यही सरकार रहेगी। यानी महंगाई, तेल की तेज कीमतें, बढती ब्याज दरों और मंदी के इस दौर में राजनैतिक अस्थिरता का माहौल और बनेगा।
प्रतिक्रिया: शेयर, बांड और रुपये पर थोड़े समय के लिए बिकवाली का दबाव देखा जा सकता है। नई सरकार के आने के बाद बांड में थोड़ा सुधार देखा जा सकता है, क्योंकि हो सकता है कि नई सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की वेतनवृध्दि का मामला वित्तीय वर्ष 2009-10 तक टाल सकती है। लेकिन राजनीतिक और सुधार को लेकर बनी अनिश्चितता की स्थिति के चलते बाजार की स्थिति अगले चुनावों तक कमजोर बनी रहेगी।
टिप्पणी:
शुभदा राव, यस बैंक
अगर सरकार गिर गई तो बांड से होने वाले लाभ में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, लेकिन शेयर बाजार 500-600 अंक नीचे आ जाएगा और रुपया डॉलर के मुकाबले 43.25 रुपये से 43.50 रुपये के बीच में फिसल सकता है।
अरुण केजरीवाल, क्रिस
अगर सरकार गिरती है तो बाजार में थोड़े सुस्ती के बाद फिर से खरीद की स्थिति बनेगी।