इसे बाजार का असर कहा जाए या समाजवादी पार्टी का। शेयर बाजार तो बुधवार को जो चढ़ा सो चढ़ा लेकिन अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा चढ़े।
पिछले पांच कारोबारी सत्रों में यूं तो सभी दिग्गज कंपनियों के शेयर खासे चढ़ गए लेकिन इस समूह की कंपनियों के शेयर में 25-30 फीसदी तक की तेजी आ गई। बाजार को पहले से ही इस बात का भरोसा हो गया था कि सरकार विश्वास प्रस्ताव हासिल कर लेगी।
सेंसेक्स में 17 जुलाई से शुरू हुई रैली में 18 फीसदी की तेजी रही है। लेकिन रिलायंस नैचुरल इस दौरान 22.71 फीसदी चढ़कर 90.25 रुपए पर और रिलायंस पावर 19.75 फीसदी की तेजी के साथ 170.95 पर पहुंचने के साथ ही 23 जुलाई को सबसे ज्यादा चढ़ने वाले शेयर रहे जबकि रिलायंस कम्युनिकेशन्स 12.20 फीसदी चढ़कर 525.25 रुपए पर रहा और रिलायंस इंफ्रा. 10.36 फीसदी की तेजी लेकर 1041 पर रहा।
मुकेश अंबानी की कंपनियों में केवल 8-12 फीसदी की तेजी रही। इनमें रिलायंस पेट्रो., रिलायंस इंडस्ट्रियल इंफ्रा. शामिल हैं। निवेश सलाहकार एस पी तुलसियान के मुताबिक यूपीए की सरकार बरकरार रहने की स्थिति में इस तरह की प्रतिक्रिया संभावित थी। हालांकि अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में तेजी की एक वजह अनिल अंबानी की अमर सिंह से नजदीकी है लेकिन यह भी सच है कि हाल की गिरावट में इन शेयरों में गिरावट भी सबसे ज्यादा रही।
अनिल अंबानी के दोस्त अमर सिंह समाजवादी पार्टी के सबसे मजबूत शख्सों में हैं और मौजूदा सरकार को बचाने में उनका अहम रोल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अनिल अंबानी को इस रिश्ते से कारोबारी फायदा भी हो सकता है। कुछ साल पहले अनिल अंबानी समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।
मंगलवार को संसद में यूपीए की सरकार ने समाजवादी पार्टी के सांसदों की मदद से विश्वास मत बहुत ही आराम से हासिल कर लिया था। भारत और अमेरिका के बीच परमाणु करार के विरोध में लेफ्ट पार्टियों के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में चल रही यूपीए सरकार अल्पमत में आ गई थी। मंगलवार को हुए विश्वास मत में यूपीए सरकार के समर्थन में 275 मत पडे थे जबकि इसके विरोध में केवल 256 मत पड़े।