दुनिया भर के इक्विटी बाजार जो मंदी की चपेट में थे अब धीरे धीरे सुधर रहे हैं और अप्रैल के महीनों में इन बाजारों ने अच्छे रिटर्न दिए हैं।
स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स यानी एस ऐंड पी की एक रिपोर्ट के मुताबिक उभरते बाजारों में अप्रैल में बेहतर प्रदर्शन रहा और इस महीने इन्होने 7.49 फीसदी की बढ़त हासिल की, जबकि मार्च में इसमें 5.11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। यही नहीं विकसित देशों के बाजारों ने भी अप्रैल में 5.15 फीसदी की बढत हासिल की है।
भारतीय बाजारों ने भी अप्रैल में 11.49 फीसदी की बढ़त दर्ज की है जबकि मार्च में इसमें 12.35 फीसदी की गिरावट देखी गई थी। चीन के बाजारों ने भी पिछले महीने 15 फीसदी का इजाफा आया, मार्च में ये बाजार भी 12.36 फीसदी कमजोर पड़ गए थे। पूरे साल के बाजार को देखें तो पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को 29 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है, हालांकि पिछले तीन महीनों में इसने 5.17 फीसदी का नुकसान भी दिया।
दुनिया भर के कुल 26 उभरते बाजारों में से छह ऐसे बाजार रहे जिन्होने अप्रैल में दस फीसदी या उससे ज्यादा का रिटर्न दिया। कुल 16 बाजारों ने इस दौरान बढत देखी जबकि दस बाजार इस दौरान भी कमजोर पड़ गए। टर्की के बाजार में निवेशकों को मार्च में 20.09 फीसदी का नुकसान हुआ था लेकिन अप्रैल में 15.75 फीसदी का मुनाफा रहा।
एस ऐंड पी के सीनियर इंडेक्स एनालिस्ट हॉवर्ड सिल्वरब्लॉट के मुताबिक दुनिया भर के बाजारों में अप्रैल में इस उम्मीद में तेजी देखी गई है कि अब कर्ज बाजार का संकट करीब करीब खत्म हो रहा है, खासकर अमेरिका में। विकसित देशों के शेयर बाजार मार्च के 8.95 के नुकसान की तुलना में अप्रैल में मुनाफा लेकर बंद हुए, जापान ने इस दौरान 6.61 फीसदी और ब्रिटेन ने 5.85 फीसदी की तेजी दर्ज की।
कुल 26 विकसित बाजारों में से 24 अप्रैल में बढ़त लेकर बंद हुए, केवल फिनलैंड में 1.34 फीसदी और डेनमार्क में 0.21 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। नार्वे अकेला ऐसा बाजार था जिसने दो अंकों की बढ़त (11.25 फीसदी) देखी। अक्टूबर के बाद पहली बार अप्रैल में सभी दस सेक्टरों में तेजी का माहौल बना है। एनर्जी सेक्टर को इस दौरान सबसे ज्यादा मुनाफा हुआ और इसने 12.05 फीसदी की बढ़त दर्ज की।