Ather Energy IPO: इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता एथर एनर्जी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिये रकम जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज जमा कराए हैं। विवरणिका के मसौदे (डीआरएचपी) के मुताबिक, आईपीओ में 3,100 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे और कंपनी के प्रवर्तक व निवेशक 2.2 करोड़ शेयर बेचेंगे।
एथर ने कहा कि कंपनी इस रकम का इस्तेमाल महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक दोपहिया फैक्टरी लगाने मे करेगी। क्षत्रपति संभाजीनगर (विगत में औरंगाबाद) में फैक्टरी का निर्माण 95 साल के पट्टे वाली परिसंपत्ति पर होगा, जिसकी कुल उत्पादन क्षमता दोनों चरण पूरा होने पर 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया सालाना होगी।
आईपीओ के जरिये मिली रकम से बनने वाला पहला चरण 50 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया क्षमता के साथ मार्च 2027 में पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि कंपनी ने कहा है कि उसे संभावित देरी, लागत में बढ़ोतरी और कमजोर बाजार मांग, श्रम से जुड़े मसले और तकनीकी बदलाव व नियामकीय अवरोध आदि के कारण अड़चन का सामना करना पड़ सकता है।
कंपनी ने यह भी कहा है कि विभिन्न सरकारकी मंजूरी के अनुपालन की दरकार होगी और इसमें नाकाम होने पर इस समयसीमा पर खरा उतरने में नाकामी आदि से जुर्माना लग सकता है या पट्टा गंवाया जा सकता है।
आईपीओ से मिली रकम के हिस्से का इस्तेमाल शोध व विकास, विपणन की पहल, बुनियादी ढांचे, उत्पादन की पहल व अन्य कंपनी कामकाज पर भी होगा।
कंपनी का नुकसान वित्त वर्ष 24 में कम से कम लगातार दूसरे साल बढ़कर 1,060 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 864 करोड़ रुपये था। ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के बाद एथर दूसरी दोपहिया कंपनी है जो आईपीओ ला रही है। ओला इलेक्ट्रिक ने अगस्त में आईपीओ के जरिये 6,145 करोड़ रुपये जुटाए। ओला इलेक्ट्रिक का मूल्यांकन मोटे तौर पर 4 अरब डॉलर है जबकि रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एथर एनर्जी का मूल्यांकन 2.5 अरब डॉलर।
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का शेयर आगाज पर 20 फीसदी पर उछल गया था। भारत में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया बेचने वाली ओला की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 24 में कुल ई-दोपहिया के पंजीकरण में 35 फीसदी रही। रेडसियर के मुताबिक, भारत में ई-दोपहिया का प्रसार वित्त वर्ष 24 के देसी दोपहिया पंजीकरण के 5.5 फीसदी के मुकाबले वित्त वर्ष 28 तक 41 से 56 फीसदी तक पहुंच सकता है। भारतीय ई-दोपहिया उद्योग सालाना 11 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़कर वित्त वर्ष 28 तक 45 अरब डॉलर यानी 3.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है।