रुपए 9,046 करोड़ के स्वामित्व वाली बजाज ऑटो के लिए यह कठिन समय चल रहा है। बढ़ती ब्याज दरों और बैंकों के द्वारा दो पहिया वाहनों के फाइनेंस को मुश्किल कर देने से घरेलू बाजार में दुपहिया वाहनों की बिक्री के घटने के आसार हैं।
इन वजहों की वजह से कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ का महज 9.7 फीसदी केसाथ 2,311 करोड़ पर रहना आश्चर्यजनक नहीं रहा। यह कंपनी की उत्पादन में आने वाली लागत के लिए पर्याप्त नहीं रहा जिसमें कि तीन फीसदी की बढ़त हो गई है। इससे कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट पर भी प्रभाव पड़ा और यह दो फीसदी घटकर 11.5 फीसदी के स्तर पर आ गया।
परिणामस्वरुप कंपनी का शुध्द लाभ गिरकर 175 करोड़ पर आ गया। अगले कुछ सालों में कंपनी की वॉल्यूम बिक्री के आठ से नौ फीसदी की गति से बढ़ने के आसार हैं। कंपनी के वॉल्यूम की बिक्री में कंपनी के द्वारा किए गए निर्यात का अहम योगदान रहा और कंपनी ने निर्यात में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। बजाज ऑटो के50 से 60 फीसदी दुपहिया वाहनों की बिक्री बैंकों द्वारा जारी किए गए कस्टमर लोन द्वारा होती है जबकि हीरो होंडा के बिक्री में बैंक द्वारा दिए गए कस्टमर लोन का अनुपात 25 फीसदी है।
बढ़ी हुई ब्याज दरों की वजह से घरेलू बाजार में बिक्री के महज चार से पांच फीसदी से ज्यादा रहने की संभावना नहीं है। कंपनी के प्रबंधकों को विश्वास है कि कंपनी द्वारा साल की दूसरी छमाही में चार नए मॉडलों की लांचिंग के बाद उसकी बिक्री में वृध्दि संभव होगी। कंपनी 125 सीसी सेगमेंट में चार नए मॉडल लाने जा रही है। कंपनी को अनुमान है कि कंपनी की मासिक बिक्री 25,000 से 30,000 से बढ़कर 75,000 तक पहुंच जाएगी।
हालांकि कंपनी को इन मॉडल से अपनी बाजार हिस्सेदारी को 32 फीसदी से बढ़ाने में आसानी नहीं होगी न ही कंपनी को वॉल्यूम की बिक्री बढ़ाने में सफलता मिलेगी। मौजूदा बाजार में बजाज की लो मार्जिन वाली 11 सीसी बाईक में ही अच्छी हिस्सेदारी है जिससे कंपनी का लाभ प्रभावित होता है। कंपनी द्वारा हाई मार्जिन की 125 सीसी बाइक लाने से कंपनी को अपने लाभ को फैलाने में सफलता मिलेगी। कंपनी को यह भी आशा है कि वह इस साल ज्यादा तिपहिया वाहनों की बिक्री कर लेगी।
जबकि कंपनी की तिपहिया वाहनों की बिक्री में जून की तिमाही में 19 फीसदी की गिरावट देखी गई है। अब जब तक कि ब्याज दरों में सुधार नहीं होता है और कंपनी की अर्निंग ग्रोथ बेहतर नहीं होती है तब तक बजाज के शेयर का कारोबार हीरो होंडा के शेयर की अपेक्षा डिस्काउंट पर होता रहेगा। मौजूदा बाजार मूल्य 494 रु पर बजाज ऑटो के स्टॉक का कारोबार अनुमानित आय से आठ गुना के स्तर पर हो रहा है जबकि 688 रु पर हीरो होंडा के शेयर का कारोबार अनुमानित आय से 12 गुना के स्तर पर हो रहा है।
डीएलएफ- भरोसा जीतने की कोशिश
रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ ने अपने 2.2 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद के लिए 1,100 करोड़ रु का निवेश करने का निर्णय किया है। कंपनी ने प्रति शेयर को 600 रु तक में खरीदने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि कोई कंपनी अपने शेयरों की पुनर्खरीद का फैसला तभी करती है जब उसे लगता है कि कंपनी के शेयर का कारोबार उसकी वास्तविक कीमत से नीचे हो रहा है।
जबकि डीएलएफ के उसकी बैलेंस सीट में 1900 करोड़ का कैश है इसलिए कंपनी शेयरों की पुनर्खरीद का फैसला कर सकती है। हालांकि विश्लेषक कहते हैं कि कंपनी पर 10,300 करोड़ के करीब कर्ज भी है। जो डेट और इक्विटी के बीच के अनुपात को 0.5 बनाता है। जिसमें से 7,000 करोड रुपए डीएलएफ को भूमि को खरीदने के लिए भी देने है इसलिए कंपनी का कर्ज अभी भी ऊंचा रहेगा।
इसके अलावा मौजूदा चुनौती भरे माहौल में कंपनी के लिए और चुनौतियां सामने आने वाली हैं क्योंकि ब्याज दरों की वजह से न सिर्फ होमलोन की ब्याज दरे बढ़ सकती है बल्कि बैंकों से फाइनेंसिंग पर ब्याज भी बढ़ सकता है। शेयरों की पुनर्खरीद से कंपनी के शेयरों को सहारा मिलेगा लेकिन कंपनी की बैलेंस सीट प्रभावित हो सकती है।
शायद कंपनी ने कुछ ही शेयरों के खरीद की घोषणा की है कंपनी सारे शेयर खरीदने नहीं जा रही है। पुराने भी कुछ उदाहरण हैं जब कंपनी ने शेयरों की पुनर्खरीद का फैसला किया था लेकिन कंपनी ने शेयर नहीं खरीदे। डीएलएफ का मौजूदा बाजार मूल्य उसके आईपीओ प्राइस 525 रु से नीचे हो रहा है।