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बेहतर रिटर्न के लिए लार्जकैप पर दांव

मिड-कैप व स्मॉल-कैप सूचकांकों में तीव्र बढ़ोतरी को देखते हुए निवेशक साल 2024 में लार्जकैप के साथ चिपके रहकर लाभ की स्थिति में होंगे।

Last Updated- December 31, 2023 | 9:04 PM IST
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साल 2023 की शुरुआत में कई तरह के अवरोधों के बावजूद भारतीय बाजारों का प्रदर्शन मजबूत रहा और साल के लिए उसकी वृद्धि दर 19-20 फीसदी रही। नए रिकॉर्ड बनने के बाद भी साल 2024 में प्रवेश के समय निवेशकों का सेंटिमेंट मजबूत बना हुआ है क्योंकि महंगाई कम है, कम ब्याज दर के स्थिर रहने, उच्च आर्थिक वृद्धि और मजबूत निवेश की उम्मीद है।

हालांकि ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों के लिए चिंता का विषय मूल्यांकन है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा है कि निफ्टी-50 इंडेक्स अभी वित्त वर्ष 24 की आम सहमति वाली प्रति शेयर आय के 23 गुने पर और वित्त वर्ष 25 की आय के 20 गुने पर कारोबार कर रहा है, जो अगले 12 महीने में बढ़त की सीमित संभावना का संकेत देता है।

ऐक्सिस सिक्योरिटीज का भी मानना है कि मौजूदा मूल्यांकन और विस्तार की सीमित गुंजाइश की पेशकश करता है। कंपनियों की आय में बढ़ोतरी आने वाले समय में बाजार के रिटर्न को आगे ले जाने वाले प्रमुख वाहक होगी। मिड-कैप व स्मॉल-कैप सूचकांकों में तीव्र बढ़ोतरी (जिनमें क्रमश: 46 फीसदी व 48 फीसदी का इजाफा हुआ है) को देखते हुए निवेशक साल 2024 में लार्जकैप के साथ चिपके रहकर लाभ की स्थिति में होंगे। राम प्रसाद साहू ने छह ब्रोकरेज फर्मों की तरफ से चयनित क्षेत्रों व शेयरों की सूची तैयार की है, जिनमें साल 2024 व उससे आगे भी चमक की उम्मीद है :

शेयरखान

  • साल 2024 के लिए पोर्टफोलियो पुनर्समायोजन के तहत सावधानी से योजना बनाकर व्यापक बाजार (स्मॉल/माइक्रोकैप) से कुछ मुनाफावसूली और लार्जकैप शेयरों में निवेश में बढ़ोतरी बेहतर रहेगी।
  • साथ ही उचित कीमत पर उपलब्ध वैल्यू स्टॉक में निवेश बढ़ाने का मजबूत मामला भी है बजाय इसके कि उच्च मूल्यांकन पर ट्रेड कर रहे ग्रोथ स्टॉक का पीछा किया जाए।
  • साल 2024 में जिन क्षेत्रों का बेहतर समय रह सकता है उनमें फार्मा, दोपहिया निर्माता व आईटी सर्विसेज शामिल हैं।
  • ब्रोकरेज फर्में पूंजीगत खर्च (इंजीनियरिंग/इन्फ्रा/रियल एस्टेट) के कई साल की मुख्य निवेश थीम, पूंजी (बैंक/वित्तीय सेवाएं) और उपभोक्ता (डिस्क्रिशनरी खर्च) पर टिकी हुई हैं ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था की कई साल के बढ़त चक्र पर सवार हो सकें।

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ऐक्सिस सिक्योरिटीज

पुरानी अर्थव्यवस्था और निर्यात की कहानी पर ध्यान केंद्रित करते हुए निचले स्तर पर रहे शेयरों का चयन अगले साल संतोषजनक रिटर्न सृजन के लिहाज से अहम रहेगा। प्रमुख थीम हैं:

विनिर्माण : भारत विनिर्माण में बदलाव के कगार पर है और 2024 के आम चुनाव के बाद नीतिगत निरंतरा से इसे और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

पीएसयू बैंक : पीएसयू बैंक के क्षेत्र में वृद्धि की रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है। बैंक अपनी परिसंपत्ति/इक्विटी पर 1 फीसदी/15-16 फीसदी के स्थिर रिटर्न बनाए रखने की ओर अग्रसर है और इनकी दोबारा रेटिंग की गुंजाइश है।

एनबीएफसी : सोने की उच्च कीमत के कारण गोल्ड लोन से ज्यादा ग्राहक जुड़ रहे हैं, जिससे एनबीएफसी के गोल्ड लोन ग्राहकों की आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है, साथ ही कंज्यूमर क्रेडिट के लिए जोखिम भारांक भी बढ़ा रहा है। इससे गोल्ड लोन की वृद्धि को सहारा मिलेगा।

आईटी सेवा : आईटी सेवााओं को सेक्टर रोटेशन थीम से लाभ मिलेगा। इस सेगमेंट को वैश्विक ब्याज दर चक्र से भी फायदा मिलेगा।

उपभोग : साल 2023 में सुस्त प्रदर्शन के बाद उपभोग क्षेत्र में साल 2024 के दौरान आकर्षित कर सकता है। खास तौर से क्विक रेस्टोरेंट क्षेत्र अपने मौजूदा आकर्षक मूल्यांकन के चलते मजबूत रिटर्न देने की स्थिति में है।

आईसीआईसीआई डायरेक्ट

ब्रोकरेज के रेडार पर पूंजीगत खर्च का चक्र है, जो कोर सेक्टर, ग्रीन ग्रोथ और उत्पादन से जुड़ाव वाली प्रोत्साहन योजना समर्थित है।

सीमेंट : क्षमता विस्तार के बीच ज्यादा उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल संभव है। यह क्षेत्र वित्त वर्ष 23-27 के दौरान विस्तार में 1.8 गुने की तेजी ला सकता है।

स्टील : हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किए जाने के बीच क्षमता दोगुनी हो सकती है। पांच अग्रणी स्टील विनिर्माताओं की तरफ से सालाना पूंजीगत खर्च अगले कुछ साल में दोगुना होता दिख रहा है।

वाहन बिक्री : इस क्षेत्र की बिक्री अपने सर्वकालिक स्तर पर है और प्रीमियम उत्पादों को लेकर रुझान मजबूत हो रहा है।

बैंक : उधारी में मजबूत रफ्तार, एनपीए के लिए कम प्रावधान और रिटर्न अनुपातों में सुधार के साथ ये मजबूती के साथ वापस आ गए हैं।

रियल एस्टेट : यह क्षेत्र एक दशक में सुधार से रूबरू हो रहा है और बिक्री मजबूत बनी हुई है। उद्योग अब औपचारिक बन रहा है और एंड-यूजर हाउसिंग की मजबूत मांग है।

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मोतीलाल ओसवाल रिसर्च

  • अहम क्षेत्रों में लंबी अवधि के पूंजीगत खर्च पर सरकार के ध्यान और वैश्विक स्तर पर 2024 में दरों में कटौती की उम्मीद को देखते हुए वृद्धि वाले शेयरों पर नजर रखी जाएगी।
  • ब्रोकरेज को वित्तीय सेवाओं, इंडस्ट्रियल्स, रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
  • अगली कुछ तिमाहियों में कुल मिलाकर बाजारों में बढ़त के ट्रेंड के साथ सेक्टर रोटेशन अहम वाहक हो सकता है।
  • पोर्टफोलियो के उम्दा प्रदर्शन के लिए शेयरों के चयन में मूल्यांकन अहम कारक बन जाएगा।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज

  • भारत की आर्थिक वृद्धि की अगुआई साल 2024 में निवेश करता रहेगा, न कि उपभोग। यह इंडस्ट्रियल, मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट और सिसे जुड़े अन्य सेगमेंट में वृद्धि के संकेत दे रहे हैं।
  • आय में वृद्धि बीएफएसआई, इंडस्ट्रियल, ऑटोमोबाइल, सीमेंट और फार्मा क्षेत्र की अगुआई में हो सकती है
  • जिंस की कीमतों में अवस्फीति के कारण जिंसों के उपभोग वाले क्षेत्रों को मार्जिन का लाभ मोटे तौर पर मिल चुका है, ऐसे में यहां से बढ़ोतरी निश्चित तौर पर वॉल्यूम की अगुआई में होगी।
  • लार्जकैप इंडेक्स बेहतर जोखिम समायोजित रिटर्न दे सकता है (मिड व स्मॉलकैप इंडेक्स के मुकाबले), जिसकी अगुआई आय में उच्च वृद्धि व बेहतर मूल्यांकन करेगा।
  • हमारा तरजीही क्षेत्र है लार्जकैप बैंक, इंडस्ट्रियल व रियल एस्टेट, बिजली, ऑटो, फार्मा, ओएमसी, गैस व पूंजी बाजार।
  • हम उपभोग (स्टेपल्स व डिस्क्रिशनरी), धातु, केमिकल और छोटे बैंक/एनबीएफसी पर अंडरवेट बने हुए हैं।

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जेफरीज इंडिया

  • भारत का आर्थिक परिदृश्य मजबूत है और कई साल की जीडीपी वृद्धि 7 फीसदी रह सकती है क्योंकि पूंजीगत खर्च का व्यापक चक्र अभी शुरुआती चरण में है और 5-7 वर्षों में इसका ट्रेंड बढ़ोतरी का होगा।
  • निफ्टी की आय वृद्धि वित्त वर्ष 25 के लिए 15 फीसदी बनी रहेगी क्योंकि मार्जिन स्थिर है।
  • भारत में विदेशी निवेशकों की पोजिशनिंग हल्की है और ऐसे में गिरावट के समय खरीदारी हो सकती है।
  • हमें देसी साइक्लिकल्स मसलन बैंक, बिजली, दूरसंचार, इंडस्ट्रियल व प्रोपर्टी पसंद हैं।

First Published - December 31, 2023 | 9:04 PM IST

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