बीएचईएल के मार्च 2008 की तिमाही के परिणाम पिछली तिमाहियों के परिणामों से भी कम रहे। 19,365 करोड़ का कारोबार करने वाली इस कंपनी की टॉपलाइन बढ़त महज चार फीसदी रही जो आशाजनक नही है।
पहले नौ महीनों में कंपनी की बढ़त 18 फीसदी देखी गई थी लेकिन इस तिमाही में ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन चार फीसदी घटकर 19 फीसदी से कम के स्तर पर आ गया। इसकी वजह कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी भी रही। कंपनी ने अपने कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च किए।
कच्चे माल पर भी खर्चा बढ़ने से कंपनी के मार्जिन पर दबाव रहा। इन कमजोर आकड़ों की वजह कंपनी के कुछ प्रोजेक्ट में देरी होना भी रही। इसकी वजह ठेके पर काम करने वाले कांट्रैक्टरों की कमी रही। इस वजह पर कंपनी का कोई नियंत्रण नहीं था। इसके अतिरिक्त घरेलू और विदेशी वेंडर द्वारा सब-कंपोनेंट की आपूर्ति बाधित करने से भी कंपनी के मार्जिन पर दबाव पड़ा।
बीएचईएल जो जेनरेटर,ब्वायलर और टरबाइन का निर्माण करती है, की ऑर्डर बुक को देखने पर कंपनी का भविष्य उज्वल दिखाई पड़ता है। कंपनी के पास इस समय 85,000 करोड़ के ऑर्डर हैं और कंपनी अपनी क्षमता बढ़ाकर और ऑर्डर पर गौर कर रही है। 2009 तक कंपनी की योजना अपनी क्षमता 15 गीगा वॉट तक बढ़ाना है।
कंपनी के पास इतनी संख्या में ऑर्डर होने से सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वित्तीय वर्ष 2009 के अंत तक कंपनी 27,000 करोड़ के आसपास राजस्व अर्जित करेगी और कंपनी का कुल लाभ बढ़कर 3,600 करोड़ के आसपास हो जाएगा। प्रति शेयर की नजर से कंपनी का लाभ 2009 वित्त्तीय वर्ष तक 25 से 26 फीसदी तक बढ़ सकता है।
कंपनी का स्टॉक साल 2008 केप्रारंभ से 32 फीसदी गिर चुका है जबकि सेंसेक्स में 18 फीसदी की गिरावट आई है। मौजूदा बाजार मू्ल्य 1,747 रुपये पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 23 गुना के स्तर पर हो रहा है।
लार्सन एंड टुब्रो, जिसका स्टॉक मूल्य 2844 रुपये है,का वर्तमान में कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय के 28 गुना के स्तर पर हो रहा है। कैपिटल गुड्स का निर्माण करने वाली कंपनी का ठीकठाक प्रदर्शन जारी रहेगा जब तक बाजार को यह भरोसा बना रहता है कि अर्थव्यवस्था में चल रहे मंदी के दौर से यह सेक्टर ज्यादा प्रभावित नही होगा।
थर्मेक्स-खोती रफ्तार
कैपिटल गुड्स बाजार में मंदी की स्थिति जारी रहने के आसार हैं। मार्च तिमाही में थर्मेक्स की टॉपलाइन बढ़त में 19 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई जो कि वित्तीय वर्ष 2008 में सबसे कम है। कंपनी की पिछली तीन तिमाहियों में बढ़त जबरदस्त रही थी और कंपनी ने 58 से 100 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की थी।
हालांकि बाजार को कंपनी के परिणामों से कुछ खास आशा नही थी लेकिन कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन में महज एक फीसदी की गिरावट आई। इसकेबाद कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट गिरकर 13.4 फीसदी केस्तर पर आ गया। कंपनी जो औद्योगिक ईकाइयों के लिए ब्वायलर का निर्माण करती है। आगामी भविष्य में मांग में कमी से रूबरू हो सकती है। कंपनी के पास इस समय 2,640 रुपयों के कांट्रेक्ट हैं जो पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी कम है।
थर्मेक्स की वर्तमान में 300 मेगावॉट के बिजली के प्रोजेक्ट पर बात चल रही है और इसके अलावा कंपनी सीमेंट, स्टील और पेट्रो-केमिकल उद्योगों से कांट्रैक्ट की ओर गौर कर रही है। हालांकि कि कंपनी ने बहुउपयोगी ब्वायलर सेगमेंट का निर्माण किया है जिसकेलिए कंपनी को इस साल ऑर्डर मिलने शुरु हो जाने चाहिए।
हालांकि कंपनी लागत कीमतों में बढ़ोत्तरी की समस्या से जूझ रही है जिसकी वजह है कि कंपनी के ज्यादातर कांट्रैक्ट निश्चित कीमत पर होते हैं। इसके अतिरिक्त घरेलू और विदेशी दोनों बाजारों में कंपनी के लिए प्रतियोगिता में इजाफा हुआ है। वित्त्तीय वर्ष 2008 में कंपनी की कुल बिक्री 50 फीसदी ज्यादा रहकर 3,482 करोड़ रही जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में ज्यादा है। यद्यपि कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 12.3 फीसदी के सपाट स्तर पर रहा।
कंपनी की बढ़त इस साल कम रह सकती है क्योंकि कंपनी के स्टॉक के मूल्य में इस साल की जनवरी से 45 फीसदी तक की गिरावट आ गई है जबकि सेसेंक्स में 18 फीसदी की ही गिरावट आई। मौजूदा बाजार मूल्य 454 रुपये पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 13.6 फीसदी के स्तर पर हो रहा है। इस स्तर पर यह ज्यादा महंगा नही है क्योंकि कंपनी के स्टॉक में इस साल 19 से 20 फीसदी तक की बढ़त हो सकती है।