एक्सिस सिक्योरिटीज़ ने सीमेंट सेक्टर पर कवरेज शुरू की है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीमेंट सेक्टर की कंपनियों ने जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही (Q4FY25) में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। कंपनियों के सेल्स वॉल्यूम में सालाना 12% की बढ़ोतरी हुई, जबकि रेवेन्यू 10% और ऑपरेटिंग मुनाफा (EBITDA) 12% बढ़ा। हालांकि शुद्ध मुनाफा (PAT) 4% गिरा, लेकिन यह भी अनुमानित 10% गिरावट से बेहतर रहा। तिमाही के दौरान प्रति टन कमाई (realisation) 4% बढ़कर ₹5,561 पहुंच गई, जबकि प्रति टन लागत ₹4,480 रही जो सालाना आधार पर 2% और तिमाही आधार पर 3% कम थी। इससे कंपनियों का EBITDA/टन 30% बढ़कर ₹1,081 हो गया। बिजली और ईंधन की लागत भी 7% घटकर ₹1,010/टन रही।
रिपोर्ट में जेके सीमेंट, बिरला कॉर्पोरेशन, श्री सीमेंट, अंबुजा सीमेंट और स्टार सीमेंट को ज़बरदस्त आउटपरफॉर्मर बताया गया है। वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट और डालमिया भारत ने मुनाफे के मोर्चे पर बाज़ी मारी। एसीसी, जेके लक्ष्मी और हाइडेलबर्ग सीमेंट के नतीजे मिले-जुले रहे।
Q4FY25 में अल्ट्राटेक और डालमिया भारत ने कुल मिलाकर 9.2 एमटीपीए (mtpa) नई उत्पादन क्षमता शुरू की। बिरला कॉर्प और डालमिया भारत ने अगले कुछ सालों में 6.2 और 6 एमटीपीए की नई योजना का ऐलान किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि FY26 में सीमेंट की मांग और बढ़ेगी, क्योंकि सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च, हाउसिंग और कमर्शियल मांग अब तेज़ी से बढ़ रही है।
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Q4 में मांग में जो मजबूती आई, वो पूरे साल की सुस्त शुरुआत को बैलेंस कर गई। चुनावों, मौसम और मज़दूरों की कमी की वजह से पहले छह महीने कमजोर रहे थे, लेकिन Q4 में ग्रामीण मांग, सरकारी खर्च और पेंडिंग प्रोजेक्ट्स ने डिमांड को बूस्ट किया। FY26 में डबल डिजिट वॉल्यूम ग्रोथ की उम्मीद जताई गई है।
हालांकि कीमतें सालाना 1% गिरी हैं, लेकिन Q4 की तुलना में 4% ऊपर रहीं। मई में कीमतें Q4 के औसत से ₹100/टन ज्यादा हैं। साथ ही, पावर और फ्यूल की लागत में राहत बनी रहने की उम्मीद है। पेट कोक की कीमत थोड़ी बढ़ी थी लेकिन अब सामान्य हो गई है, और डीज़ल भी स्थिर है।
एक्सिस सिक्योरिटीज़ के मुताबिक, अल्ट्राटेक लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रही है। अभी इसकी कुल उत्पादन क्षमता 183 मिलियन टन है, जो इंडिया सीमेंट्स से खरीदी गई यूनिट्स जोड़ने के बाद हुई। FY26 में 12 मिलियन टन और FY27 में 15 मिलियन टन नई क्षमता जोड़ी जाएगी। कंपनी का मकसद है कि उसकी मार्केट हिस्सेदारी 25% से बढ़कर 28% तक पहुंच जाए। FY24 से FY27 के बीच इसकी बिक्री (वॉल्यूम) हर साल 11% की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है।
अभी कंपनी ने प्रति टन ₹86 की लागत बचाई है, और अगले 2-3 सालों में इसे ₹200 से ₹300 तक घटाने की योजना है। इससे FY27 तक मुनाफे का मार्जिन 22% तक जा सकता है। सीमेंट सेक्टर में बड़ी कंपनियों का वर्चस्व बढ़ रहा है। 2013 में बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी 46% थी, जो 2024 में 55% हो गई। FY27 तक यह 70% तक पहुंच सकती है। ऐसे में अल्ट्राटेक को फायदा मिलेगा क्योंकि यह सबसे बड़ा ब्रांड है।
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रिपोर्ट के अनुसार, जेके सीमेंट भी तेजी से अपनी ग्रे सीमेंट बनाने की क्षमता बढ़ा रही है। अभी इसकी क्षमता 24.3 मिलियन टन है, जो FY26 तक 30.3 मिलियन टन हो जाएगी। प्रयागराज में 2 मिलियन टन की नई यूनिट शुरू हो चुकी है और बाकी विस्तार का काम भी चल रहा है। इससे FY24 से FY27 के बीच बिक्री में हर साल 12% की बढ़ोतरी हो सकती है। हाल की तिमाही में कंपनी का मुनाफा बहुत अच्छा रहा। प्रति टन मुनाफा ₹1,262 तक पहुंच गया, जो पिछली तिमाही से 26% ज्यादा है। कंपनी आने वाले दो सालों में प्रति टन ₹150 से ₹200 की लागत कम करने की कोशिश कर रही है। इससे FY26 और FY27 में मुनाफे का मार्जिन 19% से 20% तक रहने की उम्मीद है। FY24 से FY27 के बीच कंपनी की बिक्री, आमदनी और मुनाफा हर साल अच्छी दर से बढ़ सकता है – खासकर शुद्ध मुनाफा 36% की दर से बढ़ने का अनुमान है।
एक्सिस सिक्योरिटीज़ कहती है कि बिरला कॉर्प ने महाराष्ट्र और राजस्थान में पहले किए गए विस्तार को स्थिर कर लिया है और अब ये कंपनी तेजी से आगे बढ़ने की तैयारी में है। बोर्ड ने लगभग ₹4,335 करोड़ के निवेश की मंजूरी दी है जिससे कुल उत्पादन क्षमता 20 मिलियन टन से बढ़कर 27.6 मिलियन टन हो जाएगी। प्रयागराज, गया और अलीगढ़ में तीन नई यूनिट लगेंगी और मध्य प्रदेश के मैहर में भी एक ग्राइंडिंग यूनिट तैयार की जाएगी। FY25 से FY27 के बीच इसकी बिक्री हर साल 7% की दर से बढ़ सकती है। तिमाही नतीजों में कंपनी का प्रति टन मुनाफा ₹1,017 रहा, जो पिछली तिमाही से 85% ज्यादा है। उत्पादन लागत घटकर ₹4,345 प्रति टन रह गई है। FY25 से FY27 तक मुनाफा प्रति टन 12% सालाना दर से बढ़ सकता है। सड़क, रेलवे, घरों और शहरी विकास में बढ़ते निवेश से सीमेंट की मांग और बढ़ेगी, जिससे बिरला कॉर्प को फायदा होगा।
डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।