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अदाणी मामले में समिति की सिफारिशों पर विचार करे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट

अदाणी मामलाः शीर्ष अदालत ने सरकार और सेबी से नियामकीय सुधार और निवेशकों की सुरक्षा संबंधी सिफारिशों पर विचार करने को कहा

Last Updated- January 03, 2024 | 11:17 PM IST
supreme court

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को बाजार नियामक और सरकार को निवेशकों की सुरक्षा के लिए अदाणी मामले की जांच के दौरान गठित विशेषज्ञों की समिति द्वारा की गई सिफारिशों पर विचार करने के लिए कहा है। साथ ही अदालत ने समयसीमा और संरचनात्मक सुधारों से संबंधित नियामकीय ढांचे को मजबूत करने का भी आदेश दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एएम सप्रे की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने पिछले साल मई में रिपोर्ट सौंपी थी। अदाणी मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा किसी संभावित नियामकीय विफलता के विश्लेषण के दौरान समिति ने अन्य सिफारिशें या आकलन प्रस्तुत किए।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, ‘विशेषज्ञ समिति ने उक्त सुझाव सेबी, बाजार के भागीदार, आमंत्रित सदस्यों और अपने विशेषज्ञों के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर दिए हैं। इन सुझावों में सकारात्मक इरादे स्पष्ट होते हैं। इसलिए हम भारत सरकार और सेबी को यह निर्देश देते हैं इन सुझावों पर विचार करें और विशेषज्ञ समिति के प्रयासों का फायदा उठाएं।’

नियामकीय ढांचे को मजबूत करने के लिए समिति ने सेबी को जांच की समयसीमा का सख्ती से पालन करने और कानून बनाने पर ज्यादा पारदर्शिता बरतने के साथ पूर्णकालिक सदस्यों के आदेशों में सततता रखने जैसे कई अन्य सुझाव दिए थे।

इसके अलावा समिति ने सुझाया था कि एक मजबूत निपटान नीति अपनाई जाए और निगरानी एवं बाजार प्रशासन उपायों में मानवीय दखल को दूर किया जाए।

सेबी द्वारा इस सिफारिशों को लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर शीर्ष अदालत ने कहा, ‘इन सिफारिशों पर विचार करने के मामले में रवैया रचनात्मक होना चाहिए न कि सुरक्षात्मक।’ अदालत ने कहा, ‘केंद्र सरकार और बाजार नियामक सेबी को यह आजादी है कि वे आगे बढ़ने के लिए समिति से सलाह ले सकते हैं।’

निवेशकों की अतिरिक्त सुरक्षा के लिए समिति ने कहा था कि अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) और ग्रेडेड निगरानी उपाय (जीएसएम) पर्याप्त नहीं हैं। निवेशकों को इन उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए शेयरों के लिए आदेश देते समय ही सचेत करना चाहिए।

एएसएम और जीएसएम निवेशकों की सुरक्षा के लिए ऐसे उपाय होते हैं जिसके तहत स्टॉक एक्सचेंज यह बताता है कि किसी शेयर को अतिशय उतार-चढ़ाव या असामान्य ट्रेडिंग व्यवहार की वजह से निगरानी के दायरे में रखा गया है।

First Published - January 3, 2024 | 11:17 PM IST

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