करेंसी की फ्यूचर ट्रेडिंग जल्द ही प्रारंभ होने जा रही है, लेकिन बाजार विशेषज्ञों को आशंका है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को अनुमति न मिलना इस कारोबार को फीका कर सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सिंगापुर का नॉन डिलिवरेबल फॉरवर्ड मार्केट (एनडीएफ) रुपये की फ्यूचर ट्रेडिंग में प्रभावशाली रहने वाला है और रिटेल निवेशक अपने घरेलू मुद्रा बाजार में कोई पोजीशन लेने के लिए इन बाजारों से मिले संकेतों पर निर्भर रहेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी) ने हाल ही में रुपये की फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए गाइडलाइन तैयार की है। इसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) को इससे दूर रखा गया है।
मुद्रा बाजार से जुड़े एक विशेषज्ञ के अनुसार अगर एफआईआई को इसमें भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई तो इसमें एनडीएफ का वर्चस्व स्थापित हो जाएगा। इसके जरिए बाजार नियामक रुपये के गिरने की अफवाहों पर भी नियंत्रण स्थापित कर सकेगा।
वर्तमान में एशिया के सबसे प्रमुख करेंसी बाजार एनडीएफ सिंगापुर में 80 फीसदी वॉल्यूम हेज फंड से आता है। यहां पर सारे सौदे डॉलर में होते हैं और सेटलमेंट डेट पर कांट्रैक्ट फॉरवर्ड प्राइस रुपये की स्पॉट प्राइस के बीच की मार्जिन का भुगतान नगदी में होता था। यहां भले ही वे भारतीय बाजार में कारोबार करते रहे हों लेकिन उन्हें रुपये में लेन-देन करने का कोई अधिकार नहीं है।
इस स्थिति में एनडीएफ बाजार हेज फंड और पार्टिसिपेटरी नोट्स के मार्ग के जरिए स्टॉक खरीदता था। भारतीय बाजार में अधिकांश फंडों के पोजीशन ले लेने की स्थिति में संभावित नुकसान से बचने के लिए वे एनडीएफ मार्केट में अपने थोड़ी दूर तक ही जाने का विकल्प अपना सकते है और तब खरीददारी करते हैं जब वे अपने शेयरों को बेचकर अपना धन डॉलर में बदल लेते हैं।
इस तरह कोई भी लेन-देन रुपयों में नहीं होता, लेकिन यह कारोबार रुपये के मूल्यांकन को लेकर दांव लगाने जैसा ही होता है, जबकि कुछ निर्यातक और आयातक करेंसी की जोखिम का मुकाबला करने के लिए इस बाजार का उपयोग करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये का घरेलू फ्यूचर मार्केट वास्तव में उन रिटेल कारोबारियों के लिए है जो मुद्रा में आने वाले हिचकोलों से अपना बचाव करना चाहते हैं। लेकिन सिंगापुर से होने वाला कारोबार यहां शिफ्ट नहीं होगा। तकनीकी मामलों और पंटरों द्वारा अर्जित किए गए वॉल्यूम के कारण इसे बेहतर रिस्पांस नहीं मिला।