तकनीक पर निर्भरता बढ़ने से म्युचुअल फंडों के लिए साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता बन कर उभरी है। यह कहना है ऑनलाइन ब्रोकिंग कंपनी जीरोधा के संस्थापक नितिन कामत का। कामत यहां आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में फंड उद्योग के विकास के लिए तकनीक और नवाचार के इस्तेमाल पर एक चर्चा में भाग ले रहे थे।
जब उनसे नियामक से उम्मीद के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए म्युचुअल फंडों में निवेश आसान बनाने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। फंडों में फ्री ऐंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (एफओएसएस) अपनाने पर कामत ने कहा कि ब्रोकिंग के विपरीत परिसंपत्ति प्रबंधन कारोबार (एएमसी) में ओपन सोर्स का इस्तेमाल करना कठिन है।
उन्होंने कहा कि फंड उद्योग की बढ़ोतरी शानदार है और आगे का परिदृश्य बाजार की चाल पर निर्भर करेगा। कामत ने कहा, ‘अगर बाजार का प्रदर्शन अच्छा रहेगा उद्योग भी बेहतर करेगा। फंड उद्योग तेजी से आगे बढ़ेगा।‘ फंड उद्योग में साइबर सुरक्षा की जोखिम के बदलते स्वरूप पर कंप्यूटर ऐज मैनेजमेंट सर्विसेस (कैम्स) के प्रबंध निदेशक अनुज कुमार ने कहा कि फंडों की योजनाओं में निवेश करने वाले अधिकांश लोग डिजिटल माध्यम से अपन निवेश देखते और करते हैं। उन्होंने कहा कि इस बदलाव के कारण सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों की प्रकृति भी बदल गई हैं।
कुमार ने कहा, ‘कई सारी प्रणालियों में खाते का सार पैन और मोबाइल फोन पर आधारित होता है। अगर कोई आपके फोन तक पहुंच कर ओटीपी चुरा लेता है या किसी तरह फोन हैक कर लेता है तो एक तरह से उसकी सभी जानकारियों तक पहुंच हो जाती है।‘
कोटक महिंद्रा ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह ने कहा कि उद्योग जगत को तकनीक का लाभ उठाना चाहिए ताकि जो लोग तकनीकी रूप से दक्ष नहीं है, वे बाहर हो जाएं और डिजिटल फर्जीवाड़ा कम से कम हो सके।
शाह ने कहा कि सभी लोग डिजिटल प्रणाली के इस्तेमाल में सक्षम नहीं होते हैं। प्रणाली कुछ इस तरह होनी चाहिए कि कोई युवा और एक 75 वर्ष का व्यक्ति भी निवेश का विकल्प चुनने से पहले एमएफ वितरक से बात करना चाहे तो स्वयं को इसका (प्रणाली) हिस्सा महसूस कर सकें।