लगातार गिरते शेयर बाजार के बीच म्युचुअल फंडों के लिए अगस्त का महीना कुछ राहत वाला रहा। इस महीने में डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंडों ने निफ्टी और सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया।
डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंडों के प्रदर्शन की मुख्य वजह मझोली कंपनियों के शेयरों का बढ़िया प्रदर्शन रहा और ज्यादातर डाइवर्सिफाइड फंडों ने मुख्य रुप से मझोली कंपनियों में ही निवेश कर रखा है। इससे इन फंडों का अपना रिटर्न बढ़ाने में भी मदद मिली।
इन फंडों के अच्छे प्रदर्शन की वजह ऑटो, बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी और एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों का बेहतर प्रदर्शन रहा। कुल 335 इक्विटी फंडों में से 237 ने एसएंडपी सीएनएक्स निफ्टी और सूचकांक से भी अच्छा रिटर्न दिया। वैसे, अगस्त में इक्विटी आधारित सेविंग स्कीमों (ईएलएसएस) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।
सामान्य इक्विटी स्कीमों का प्रदर्शन भी ठीक ही रहा। अगस्त में फ्रैंकलिन इंडिया टैक्सशील्ड 99, फिडेलिटी इंडिया स्पेशल सिचुएशन्स फंड और लोटस इंडिया मिडकैप फंड सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले फंडों में रहे। ऑटो और बैकिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन से इक्विटी फंडों का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा।
क्रिसिल फंड सर्विस के प्रमुख कृष्णन सीतारामन ने कहा कि अगस्त में ब्याज दर से सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों बैकिंग और ऑटो ने सभी सेक्टरों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। इन सेक्टर के शेयरों के भाव आकर्षक होने के कारण निवेशकों ने जमकर खरीदारी की क्योंकि निवेशकों को महंगाई दर में नरमी के चलते ब्याज दरों में कमी की संभावना नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि महंगाई में कमी की उम्मीद में एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया जबकि रुपए की कीमत में डॉलर की तुलना में आ रही गिरावट से सूचना प्रोद्योगिकी कंपनियों को आउटपरफार्म करने में मदद मिली। जेएम ऑटो सेक्टर फंड इक्विटी फंडों की श्रेणी में नौ फीसदी के रिटर्न के साथ सबसे ऊपर रहा जबकि लोटस इंडिया बैंकिंग फंड ने पिछले महीने सात फीसदी का रिटर्न दिया।
इसके बाद फ्रैंकलिन इंफोटेक का स्थान रहा जिसने छह फीसदी का रिटर्न दिया। लगातार दो महीने गिरने के बाद म्युचुअल फंडों के औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट में अगस्त में तीन फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह जुलाई के 5.31 खरब रुपए से बढ़कर 5.45 खरब रुपए पर पहुंच गई। इस वृध्दि की मुख्य वजह फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान में नए ऑफरिंग के कारण निवेशकों की रुचि बढ़ना रहा।
34 में से 25 फंड हाउसों के औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट में वृध्दि दर्ज की गई। म्युचुअल फंड हाउसों में रिलायंस ने अपना पहला स्थान बरकरार रखा और इस समय फंड हाउस के पास 886 अरब रुपए का औसत परिसंपत्ति आधार है। यह पिछले महीने की तुलना में पांच फीसदी ज्यादा है। एचडीएफसी म्युचुअल फंड तीसरे से दूसरे स्थान पर पहुंच गया और इसकी औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट में छह फीसदी की बढ़त दर्ज की गई और यह 539 अरब रुपए पर पहुंच गई।