डॉ रेड्डीज का वित्तीय वर्ष 2008 में प्रदर्शन फीका रहा। 5,000 करोड़ केस्वामित्व की इस कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में 22.10 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 13 फीसदी के स्तर पर आ गया।
जबकि अगर पूरे वित्त्तीय वर्ष केदौरान कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन पर नजर डाली जाए तो कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में 8.7 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 13.4 फीसदी के स्तर पर आ गया। मार्च 2008 की तिमाही में कंपनी के राजस्व में महज 15 फीसदी की गिरावट आई। इसकी वजह कंपनी की जर्मन अनुषंगी बेटाफार्म का बेहतर प्रदर्शन रहा। हालांकि कंपनी के सालाना राजस्व में 23 फीसदी की गिरावट आई।
बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी के स्टॉक की कीमत में तीन फीसदी का सुधार देखा गया और यह 658 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर पहुंच गया। हालांकि कंपनी के प्रबंधन का मानना है कि वित्त्तीय वर्ष वित्तीय वर्ष 2009 में कंपनी की टॉपलाइन बढ़त के 25 फीसदी की गति से बढ़ेगी। हालांकि रुपये के न्यूनतम स्तर पर रहने पर यह ज्यादा कठिन नही है।
गौरतलब है कि कंपनी की दवा ऑन्डेनसेंट्रान हाइड्रोक्लोराइड को अमेरिकी बाजार में 180 दिनों तक की अनुमति मिली थी जिससे कंपनी को काफी फायदा हुआ। इसके अतिरिक्त कंपनी ने कुछ एंटीसिपेटेड दवाओं की बिक्री इजराइल की फर्म तेवा को भी किया था। इसकेबावजूद अमेरिकी दवा बाजार में कंपनी की जेनेरिक दवाओं की बिक्री में 55 फीसदी की अचानक गिरावट आई।
जबकि डॉ रेड्डीज के घरेलू बाजार में 24 फीसदी का उछाल आया है। इसकी प्रतियोगी कंपनियों जैसे सिपला और रैनबैक्सी का प्रदर्शन भी घरेलू बाजार में अच्छा रहा। अगर कंपनी की जर्मन सहयोगी बेटाफार्म की बात की जाए तो कठिन परिचालन वातावरण की वजह से पूरे साल कंपनी को कीमतों के दबाव से जूझना पड़ा।
हालांकि कंपनी के वॉल्यूम की बिक्री 26 फीसदी केसाथ अच्छे स्तर पर रही। कीमतों में कमी आने की संभावना है क्योंकि डॉ रेड्डीज ने सप्लाई चेन की समस्या को सुलझा लिया है जिससे कंपनी के लाभ में बढ़ोत्तरी होगी। इसके अतिरिक्त कंपनी सरदर्द से छुटकारे के लिए जेनेरिक दवा इमीट्रेक्स लाने पर भी विचार कर रही है।
मौजूदा बाजार मूल्य 658 रुपए पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 17 गुना के स्तर पर हो रहा है। वैश्विक दृष्टि से बाजार में जेनेरिक दवाओं का कारोबार अच्छा रहने के बावजूद कंपनी का प्रदर्शन बाजार के रुझानों के मुताबिक रहना चाहिए।
504 रुपये के मूल्य पर रैनबैक्सी का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2008 में अनुमानित आय से 46 फीसदी के स्तर पर हो रहा है और इसे आउटपरफार्म करना चाहिए। इस फार्मास्युटिकल कंपनी केलिए वित्त्तीय वर्ष 2008 अच्छा नहीं रहा था लेकिन 2009 में स्थिति सुधरनी चाहिए।