facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

बैंकिंग संकट के बाद भी फेड ने बढ़ाई दरें, टूटे बाजार

Last Updated- March 23, 2023 | 10:24 PM IST
share market, BSE

बेंचमार्क सेंसेक्स गुरुवार को आधा फीसदी टूट गया क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों का इजाफा किया है, जो मार्च 2022 के बाद की लगातार नौंवी बढ़ोतरी है।

फेड ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में महंगाई पर लगाम कसने के लिए यह कदम उठाया है। हालिया बढ़ोतरी के बाद अब ब्याज दरें 4.75 से 5 फीसदी हो गई है, जो 2007 के बाद सबसे ज्यादा है और बैंकिंग क्षेत्र में संकट के बाद भी ब्याज में बढ़ोतरी की गई है।

बाजार में गिरावट हालांकि थोड़ी थमी क्योंकि निवेशकों का मानना है कि फेड ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का काम पूरा कर लिया है जबकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं दिए गए।

बेंचमार्क सेंसेक्स 289 अंक यानी 0.5 फीसदी टूटकर 57,925 पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 75 अंकों की गिरावट के साथ 17,077 पर टिका।

बाजारों का भरोसा फेड के नरम रुख से बढ़ा और इस अनुमान से भी कि केंद्रीय बैंक धीरे-धीरे ब्याज दरों में कटौती की ओर कदम बढ़ाएगा।

बैंक ऑफ इंगलैंड ने भी अमेरिका व नॉर्वे की तरह ब्याज दरों में 25 आधार अंकों का इजाफा कर दिया क्योंकि महंगाई उच्चस्तर पर बनी हुई है।

नॉर्जेज बैंक ने बेंचमार्क जमा दरें गुरुवार को 25 आधार अंक बढ़ाकर 3 फीसदी पर पहुंचा दी, जो 2009 के बाद का सर्वोच्च स्तर है। साथ ही संकेत भी दिया कि उच्च कीमत के दबाव के खिइलाफ और सख्ती हो सकती है।

विशेषज्ञों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों ने महंगाई के अनुमान को संतुलित करने और वित्तीय स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं।

निवेशक अब साल के आखिर तक ब्याज दरों में कटौती का अनुमान लगा रहे हैं। बाजार के एक वर्ग का मानना है कि फेड की दरें दिसंबर तक घटकर 4.1 फीसदी रह जाएगी।

फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने खुद कहा कि उन्हें इस साल दरों में कटौती नहीं दिखती और जरूरत पड़ी तो वह ब्याज बढ़ाएंगे।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्ध‍ार्थ खेमका ने कहा, देसी इक्विटी बढ़त व नुकसान के बीच झूलते रहे जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज बढ़ोतरी जारी रखी।

ट्रेजरी सेक्रेटरी के बयान में कहा गया कि सभी बैंकों की जमाओं पर बीमा उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, जिससे सेंटिमेंट खराब हुआ। फेड ने बाजार को ठोस दिशा के लिए काफी कुछ नहीं किया। महंगाई पर लगाम का उनका लक्ष्य बरकरार है जबकि बैंकिंग संकट भी है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने गुरुवार को देसी शेयरों से करीब 1,000 करोड़ रुपये निकाले जबकि देसी संस्थागत निवेशकों ने 1,668 करोड़ रुपये की खरीदारी की।

बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात नकारात्मक रहा और 1,379 शेयर चढ़े जबकि 2,137 शेयरों में गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1.3 फीसदी टूटा और सेंसेक्स को 88 अंक नीचे खींचा। सेंसेक्स के शेयरों में एसबीआई सबसे ज्यादा 1.7 फीसदी टूटा। एफएमसीजी शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज हुई।

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, तेजडि़यों के लिए 17,050-17,000 अहम समर्थन स्तर के तौर पर काम करेगा जबकि अल्पावधि के ट्रेडरों के लिए प्रतिरोध स्तर 17,200-17,250 रहेगा। हालांकि 16,950 से नीचे बढ़त का मामला नाजुक रहेगा।

First Published - March 23, 2023 | 10:24 PM IST

संबंधित पोस्ट