बांबे स्टॉक एक्सचेंज के बाद एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज (एमसीएक्स एसई)अपने यहां शुरू होनेवाले मुद्रा के वायदा कारोबार को लेकर ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को आकर्षित करने की जुगत में लगा है।
देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा प्रवर्तित एमसीएक्स एसई ने अपने इस अभियान को तेज करते हुए कहा है ऐसे सदस्य जो कि कारोबार में हिस्सेदारी के लिए छह सितंबर से पूर्व पंजीयन कराते हैं, उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
मालूम हो कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज गत 29 अगस्त को रुपये के वायदा कारोबार को शुरू कर चुका है। बीएसई और एमसीएक्स एसई जिनको कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड या सेबी ने सिध्दांत रूप में यह कारोबार शुरू करने की इजाजत दे दी है, उनके इस महीने के आरंभ में कारोबार शुरू करने की संभावना है।
कारोबारियों को आकर्षित करने और अपने प्रतिद्वंदी एनएसई से आगे निकलने के लिए जहां बीएसई ने ट्रेडिंग और क्लियरिंग मेम्बर के 15 सितंबर से पहले पंजीयन कराने पर उनके द्वारा जमा की जानेवाली राशि में 90 प्रतिशत तक की छूट देने की बात कही है, वहीं एमसीएक्सई ने इससे भी एक कदम आगे जाते हुए अपने विशेष ऑफर के तहत जमा कारोबार में हिस्सा लेने के लिए 6 सितंबर से पहले पंजीयन कराने वालों से जमा राशि न लेने का फैसला किया है।
इस योजना के तहत 6 सितंबर से पहले एमसीएक्स, बीएसई, फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफईडीएआई),नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स)और एनएसई के मौजूदा सदस्यों से ट्रेडिंग के लिए लिया जाने वाले 10 लाख रुपए की जमा राशि (डिपॉजिट)और क्लियरिंग मेंबर के लिए 20 लाख तक की जमा राशि को भी माफ कर दिया जाएगा।
इसका सीधे तौर पर मतलब यह निकलता है कि जो भागीदार एनएसई और बीएसई में मुद्रा के वायदा कारोबार प्रभाग में अपना पंजीयन कराते हैं वो एमसीएक्स एसई की सदस्यता मुफ्त में पा सकते हैं। अभी तक कुल 300 से अधिक ब्रोकर और 11 बैंकों ने एनएसई में अपना पंजीयन करवाया है।
एमसीएक्स एसई ने अपने विशेष ऑफर के तहत पंजीयन कराने वाले सदस्यों के लिए 5 लाख रुपये प्रवेश शुल्क के साथ 12.36 प्रतिशत के सेवा कर को समाप्त कर दिया है जबकि इसी तर्ज पर 10,000 रुपये के प्रोसेसिंग फीस और साथ ही 12.36 प्रतिशत के सेवा कर को भी समाप्त कर दिया है। इसके अलावा एक्सचेंज 31 दिसंबर 2008 तक कोई परिचालन शुल्क नहीं लेगा।
मालूम हो कि बीएसई ने 15 सितंबर से पहले पंजीयन कराने वाले सदस्यों के लिए आवश्यक जमा राशि में 90 प्रतिशत तक की छूट देने की घोषणा की है। बीएसई ने यह कदम एनएसई के 10 लाख रुपये जमा राशि को समाप्त करने के फैसले के बाद उठाया।
एमसीएक्स एसई को विशेष तौर पर मुद्रा के वायदा कारोबार संबंधी प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू किया गया है। हालांकि एमसीएक्स और इसकेसदस्यों का नियंत्रण फॉरवार्ड मार्केट कमीशन केहाथों में है, इस लिहाज से नियंत्रण दूसरे नियामक के हाथों में जाने में कुछ समय लग रहा है।
एक सूत्र के अनुसार एमसीएक्स के अधिकांश सदस्य ब्रोकर हैं और उनके लिए किसी नए नियामक के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपने को ढ़ालने में थोरा समय लगेगा। एमसीएक्स एसई अब तक सात रोड-शो कर चुका है जिसमें कमोडिटी ब्रोकर्स, बैंक, निर्यातक, आयात करनेवाले, विदेशी एक्सचेंज ब्रोकर आदि ने हिस्सा लिया है।