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भारती-एक्सा की विस्तार योजना

Last Updated- December 05, 2022 | 9:10 PM IST

देश के 36 वें परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) के रूप में भारती-एक्सा इनवेस्टमेंट मैनेजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप दासगुप्ता का मानना है कि बीते दस सालों में परिसंपत्ति प्रबंधन कारोबार का खर्च काफी बढ़ गया है।


उनका मानना है कि इस कारोबार से जुड़े लोगों, मार्केटिंग विभाग और इसके लिए उपयुक्त परिसरों की व्यवस्था के लिए प्रचुर मात्रा में राशि मुहैया कराने की वजह से ही खर्चे में बेतहाशा इजाफा हुआ है।


फ्रांस स्थित एक्सा इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स और सुनिल मित्तल की स्वामित्व वाली भारती की संयुक्त उपक्रम वाली परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी को देश में म्युचुअल फंड परिचालन को शुरू करने के लिए सेबी की अनुमति मिल गई है। दासगुप्ता ने बताया, ”परिसंपत्ति के दायरे बढ़ने के साथ ही राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है लेकिन इस कारोबार में मार्जिन का ग्राफ काफी नीचे है। इस कारोबार को उबरने में अभी काफी वक्त लगेगा।”


भारतीय परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी द्वारा हाल ही में जारी किए गए मैक्किंसे रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों के मुकाबले भारत में मौजूद एएमसी का चरित्र कम राजस्व और मुनाफे वाला है। इसका मुख्य कारण है कि शायद देश में अन्य बाजारों की तुलना में इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बहुत कम है। और यही वजह है कि इस कारोबार में ग्राहकों से ली जाने वाली राशि विदेशों से अपेक्षाकृत बहुत अधिक है।


वर्तमान में भारती एक्सा के पास 35 सदस्यों की टीम है और जून तक लोगों की संख्या बढ़ाकर 70 से अधिक कर दिए जाने की उम्मीद है।दासगुप्ता ने बताया, ”शुरुआत में हम कंपनी की मुख्य उत्पादों को ही आगे बढ़ाएंगे। ऐसे उत्पादों में – प्योर प्ले इक्विटी डाइवर्सिफाइड, कैश, कैश प्लस और फिक्सड मैच्युरिटी प्लान शामिल हैं। इसके बाद भी हम एक्सा के कोई विदेशी उत्पादों को लांच करने के बारे में विचार करेंगे।


फिलहाल हम इस साल के अंत तक कोई प्रोडक्ट लांच नहीं करने वाले हैं। इस वक्त हम भारतीय बाजार का अवलोकन करेंगे।”बहरहाल, ऐसी कई कंपनियां हैं जो देश में म्युचुअचल फंड कंपनियां खोलना चाहती हैं। रेलिगेयर-एगोन, डॉउने डे एवी, इंडियाबुल्स, इंडिया इंफोलाइन और इडेलविज कैपिटल कुछ ऐसी ही कंपनियां हैं जो देश में म्युचुअचल फंड ऑपरेशन लांच करने के लिए कतार में खड़ी हैं।


दासगुप्ता ने बताया,”अगर इस कारोबार में विकास जारी रहा तो यहां और भी नई कंपनियों के लिए जगह बन सकती है। इस कारोबार में जितनी भी कंपनियां आना चाहती हैं, उनके अपने उद्देश्य और अलग-अलग कारोबार मॉडल होंगे। इस कारोबार में उतरने के लिए कई कंपनियां ताक लगाए हुए हैं।


इनमें से कुछ कंपनियां किसी खास परिसंपत्ति श्रेणी पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगी जबकि कुछ कंपनियां किसी खास कारोबार रणनीति की वजह से इस कारोबार में प्रवेश करना चाहती हैं। हम पूरे दमखम के साथ खुदरा कारोबार में उतना चाहते हैं। इसके लिए अधिक निवेश की आवश्यकता होगी। इसमें कोई शक नहीं कि शुरुआत में हमें ज्यादा मुनाफा नहीं हो।”


उल्लेखनीय है कि साल 2005 में एक्सा इनवेस्मेंट मैनेजर्स ने एचएसबीसी होल्डिंग एंड कोमेरिका से अमेरिका स्थित फ्रेमलिंगटन गु्रप का अधिग्रहण किया था। दासगुप्ता ने बताया,”कारोबार को ध्यान में रखते हुए हम अधिग्रहण के जरिए विस्तार के बारे में विचार करेंगे। लेकिन फिलहाल हमारा पूरा ध्यान खुद से अपना विस्तार करने का है।”

First Published - April 10, 2008 | 11:09 PM IST

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