शेयर बाजार में गुरुवार को तेजी लौटी और बीएसई सेंसेक्स 318 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार लिवाली और रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलऐंडटी तथा बजाज फाइनैंस जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में खरीदारी से तेजी को सहारा मिला। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के शुल्क को लेकर अनिश्चितताओं के बीच वाहन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली और दवा कंपनियों के शेयरों में नरम रुख से शेयर बाजारों में तेजी सीमित रही।
बीएसई सेंसेक्स 317.93 अंक चढ़कर 77,606.43 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 458.96 अंक तक चढ़ गया था। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 105.10 अंक की बढ़त के साथ 23,591.95 अंक पर टिका। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, लार्सन ऐंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनैंस, पावर ग्रिड, जोमैटो, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और टाइटन सबसे ज्यादा लाभ में रहीं। आयातित कारों पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के बाद टाटा मोटर्स में 5.5 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। इसके अलावा सन फार्मा, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा भी नुकसान में रहे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, विदेशी संस्थागत निवेशकों के लगातार पूंजी प्रवाह और प्रमुख कंपनियों के शेयरों की खरीद के कारण बाजार में तेजी रही। हालांकि, ट्रंप के वाहन आयात पर लगाए गए 25 फीसदी शुल्क ने वाहन कंपनियों के शेयरों को प्रभावित किया है। साथ ही दवा कंपनियों के भीतर चिंताएं बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा, इन चुनौतियों के बावजूद, बाजार ने मजबूती दिखाई। इसे वित्त वर्ष 2025-26 में दहाई अंक में कंपनियों की आय वृद्धि की उम्मीदों से समर्थन मिला।
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.90 फीसदी चढ़ा, जबकि मिडकैप इंडेक्स में 0.46 फीसदी की तेजी रही। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शांघाई कम्पोजिट और हॉन्डकॉन्ग का हैंगसेंग बढ़त में रहे जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्केई नुकसान में रहे। दोपहर के कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजारों में बुधवार को गिरावट रही थी।