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विदेशी बैंक कर रहे हैं डेट बाजार में बम्पर खरीदारी

Last Updated- December 07, 2022 | 3:04 PM IST

कई घरेलू और विदेशी बैंक सरकारी प्रतिभूतियों में जमकर खरीदारी कर रही हैं। ये बैंक आम तौर पर विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई के लिए कस्टोडियन का काम करते हैं।


इस बारे में एक डीलर का कहना है कि बैंकों ने पिछले हफ्ते इक्विटी बाजार में निवेश के लिए करीब 80 से 100 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश जुटाया है। हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे एवं वैश्विक इक्विटी बाजार में गिरावट का रुख रहने के कारण इक्विटी बाजार के बजाय अब डेट इंस्ट्रूमेंटों में यह निवेश हो रहा है।

एक ओर जहां सरकारी सिक्योरिटी बाजार का वॉल्यूम बढ़कर 4,000 करोड़ रुपये हो गया है, वहीं दूसरी ओर दस सालों वाले बेंचमार्क पेपर पर यील्ड 9.32 फीसदी से गिरकर 9.19 फीसदी हो गई है। इसके अलावा मेच्योरिटीज के लिहाज से भी सरकारी प्रतिभूतियों की कीमतें 30 से 35 पैसे चढ़ी हैं।

ऐसा प्राथमिक स्तर के डीलरों द्वारा यील्ड में गिरावट लाने और कर्ज के खर्चे को कम करने के लिए उनके द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों का जबरदस्त कारोबार करने के कारण हुआ है। इसके  अलावा सरकारी प्रतिभूतियां अन्य की अपेक्षाकृत सस्ती होने के कारण वे प्राथमिक स्तर के डीलरों के लिए आकर्षण का केंद्र रही हैं। सरकार इसके साथ ही दो प्रतिभूतियों की बिक्री के लिए आठ अगस्त को निविदा भी लाने जा रही है। इसमें दो प्रतिभूतियों 2032 एवं 2018 की बिक्री की जाएगी।

पहले वाले प्रतिभूतियों  पर 7.95 फीसदी की ब्याज दर जबकि दूसरी पर 8.24 फीसदी ब्याज दर प्रस्तावित है। लिहाजा अगर यह प्रक्रिया सफल साबित रही तो फिर दस सालों पर यील्ड बढ़कर 9.05 फीसदी हो सकता है। दूसरी ओर ब्याज दरों के बदलाव के कारण बाजार में छिटपुट कारोबार दर्ज हुआ जहां बैंक फ्लोटिंग रेट इंट्रेस्ट पाने के लिए सौदे करते हैं जबकि इसके लिए एक फिक्स रेट इंट्रेस्ट का भुगतान करते हैं। साथ ही तीन से पांच सालों वाली अवधियों के सभी बांडों पर मिलने वाले यील्ड में 10 से 40 बेसिस प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई है।

First Published - August 5, 2008 | 10:28 PM IST

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