जून 2008 तिमाही में वेंचर कैपिटल(वीसी) और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेश में तो 2.2 फीसदी का उछाल दर्ज हुआ है पर इनके द्वारा रियल्टी कंपनियों में निवेश में गिरावट आई है।
हालिया आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेश बढ़कर कुल 32,380 करोड़ रुपये का हो गया है पर रियालिटी कंपनियों की बात करें तो इनमें निवेश 14 फीसदी गिरते हुए रकम 6,286 करोड़ रुपये रह गई है।
इतना ही बल्कि सेबी की वेबसाइट पर जारी आंकड़े के अनुसार निवेश में कमी की मार बायोटेक्नोलॉजी उद्योग को भी झेलनी पड़ी है और पिछली बार के मुकाबले निवेश दस फीसदी गिरकर 346 करोड़ रुपये रह गया है। रियल एस्टेट कंपनियों को इस साल ब्याज दरों के पिछले दस साल की अवधि से भी ज्यादा के स्तर पर रहने और संपत्तियों की ऊंची कीमतों को खामियाजा भुगतना पड़ा है और इन दोनो वजहों के कारण मध्यम वर्ग के ग्राहकों द्वारा घर खरीदने में खासी कमी दर्ज हुई है।
इस सेक्टर को इसके अलावा नकदी की समस्या से भी रू-ब-रू होना पड़ा है क्योंकि बैंकों के द्वारा इस सेक्टर में निवेश पर जहां सख्ती बरती गई वहीं आइपीओ बाजार के भी बेहतर प्रदर्शन न कर पाने के कारण इनके शेयरों की कीमतें भी काफी कम रहीं। बीएसई रियल्टी इंडेक्स की बात करें तो इनके शेयरों की कीमतों में साल के प्रारंभ के मुकाबले कुल 60 फीसदी की गिरावट आई है। इस सेक्टर की प्रमुख कंपनियों मसलन पार्श्वनाथ डेवलपर्स और इंडियाबुल्स के शेयरों की कीमतें क्रमश: 72.2 फीसदी और 59.7 फीसदी गिरी हैं।
जबकि विदेशी निवेश को खींच पाने में मीडिया एवं एंटरटेनमेंट सेक्टर सफल साबित रहे और दोनों सेक्टरों ने कुल 672 करोड़ रुपये का निवेश खींच सके जो पिछली तिमाही के मुकाबले 41.5 फीसदी ज्यादा है। दोनों सेक्टरों के निवेश में इजाफा इस जबरदस्त विकास की गारंटी पर हुआ है जिसकी सुनिश्चितता एक अमीर मध्य वर्ग के उभरने के कारण ये दोनो सेक्टर दे रहे हैं। इस बारे में एक रिसर्च कंपनी मीडिया पार्टनर्स के मुताबिक 2012 तक टीवी के वार्षिक रेवेन्यू के दुगुना हो सकता है। इसके अलावा न्यूज कॉर्प प्रमुख रूपर्ट मर्डोक के द्वारा भी भारत में छह क्षेत्रीय भाषा के चैनल लांच करने की बात से निवेशकों को आकर्षित होने की वजह मिली है।
मर्डोक के मुताबिक अगले एक साल के भीतर वह सिनेमा, डिजिटल एवं मोबाइल क्षेत्र में कदम रखने के साथ साथ विस्तार करेंगे। इसके अलावा सेवा एवं औद्योगिक क्षेत्र में भी निवेश में दुगुना इजाफा दर्ज किया गया है। इस प्रकार देखा जाए तो रियालटी कंपनियों के लिए जहां इस साल दोतरफा मार पड़ी है, वहीं अन्य सेक्टर में निवेश बढ़ा है या फिर बरकरार ही रहा है। मालूम हो की मर्डोक ने हाल ही में एक चैनल में 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनेकी बात की है।