इस साल के छह महीने बीत चुके हैं और अभी तक भारतीय शेयर बाजार को अच्छे खबर की आस लगी हुई है। इस साल जनवरी में भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी जिससे बाजार अभी तक नहीं उबर पाया है।
मई और जून महीने में भी बाजार में और अधिक गिरावट देखी गई। बाजार मई में 5.04 प्रतिशत और जून में 18 प्रतिशत नीचे आया था। हालांकि, इन बुरी खबरों के बाद जिसका अनुमान नहीं था वह देखने को मिला। जुलाई महीने में शेयर बाजार धनात्मक प्रतिफल देने में सफल रहा। इस महीने के दौरान सेंसेक्स में लगभग 7 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। इसकी मुख्य वजह यूपीए सरकार का बने रहना था।
सेंसेक्स में आई तेजी से सबसे अधिक लाभ विशाखित इक्विटी फंडों को हुआ। जुलाई में विशाखित इक्विटी फंडों में 4.9 प्रतिशत की तेजी देखी गई। उल्लेखनीय है कि जून महीने में इस श्रेणी के फंडों में आई औसत गिरावट लगभग 17 प्रतिशत की थी। पिछले पांच वर्षों में एक महीने के दौरान इस श्रेणी में आई यह सबसे बड़ी गिरावट थी।
इस श्रेणी में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला फंड एलआईसीएमएफ ग्रोथ रहा जिसमें 12 प्रतिशत की बढ़त देखी गई जबकि सबसे बेकार प्रदर्शन एस्कॉर्ट्स ग्रोथ का रहा जिसमें 8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इक्विटी फंडों की श्रेणी में, इक्विटी बैंकिंग की जबर्दस्त वापसी हुई। पिछले महीने सबसे घटिया प्रदर्शन वाली यह श्रेणी सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली बन कर उभरी है। इस श्रेणी ने सात प्रतिशत की बढ़त दर्ज की जबकि इस श्रेणी के सूचकांक बीएसई बैंकेक्स ने 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की।
बैंकिंग फंडों का प्रदर्शन देखने लायक रहा क्योंकि बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों के उतार-चढ़ावों के बावजूद ये मजबूत बने रहने में सफल रहे हैं। हालांकि कुल मिला कर इस श्रेणी का प्रदर्शन दुखद रहा है। इस साल इन फंडों ने 38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है जो इक्विटी श्रेणियों में सर्वाधिक है। बैंकिंग फंडों के बाद दूसरे स्थान पर इक्विटी टैक्स-प्लानिंग फंड रहे जिनमें 4.98 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। पिछले महीने के दौरान इस श्रेणी में 17 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। कंपनी के हिसाब से देखें तो ऑटो कंपनियों और एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में उछाल आया और इन्होंने क्रमश: 3.9 और 0.9 प्रतिशत का प्रतिफल दिया।
इक्विटी की एक अन्य श्रेणी जिसका प्रदर्शन बढ़िया रहा वह इक्विटी फार्मा था। जून महीने में इसमें छह प्रतिशत की गिरावट देखी गई और जुलाई महीने में इसने 1.9 प्रतिशत का धनात्मक प्रतिफल दिया। कुल मिला कर इस श्रेणी का प्रदर्शन बराबरी की श्रेणियों की तुलना में इस साल बेहतर रहा। इस श्रेणी में मात्र 13 प्रतिशत की गिरावट आई जो अन्य इक्विटी श्रेणियों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। हालांकि, यह वक्त इक्विटी की सभी श्रेणियों के लिए बढ़िया नहीं रहा। इक्विटी तकनीकी श्रेणी में 2.9 प्रतिशत की गिरावट आई और जुलाई महीने में यह एकमात्र ऐसी श्रेणी रही जो घाटे में रही।
हालांकि, जुलाई में इसका प्रदर्शन जून महीने से बेहतर रहा। जून महीने में इस श्रेणी में 14 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इस वर्ष अब तक तकनीकी फंडों ने लगभग 30 प्रतिशत गंवाया है। अब हम इक्विटी फंडों से हट कर बात करते हैं। गोल्ड ईटीएफ इस महीने भी सुर्खियों में बने रहे। पिछले दो महीनों में प्रदर्शन तालिका में शीर्ष स्थान पर बने रहने के बाद जुलाई में यह श्रेणी फिसल कर नीचे आ गई।
गोल्ड ईटीएफ ने इस महीने 3.3 प्रतिशत का ऋणात्मक प्रतिफल दिया है लेकिन लंबी समयावधि के लिहाज से इस श्रेणी ने वाकई बेहतर प्रदर्शन किया है। इस वर्ष अभी तक इसने 17 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है।ऋण श्रेणी की बात की जाए तो इस महीने सभी ऋण श्रेणियों के प्रतिफल धनात्मक रहे हैं सिवाय मघ्यावधि और दीर्घावधि के गिल्ट फंडों के। इन गिल्ट फंडों में 0.04 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।