भारत की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल निर्माता कंपनी हीरो होंडा ने मार्च 2008 की तिमाही में उत्पादन और विज्ञापन पर अपेक्षाकृत कम लागत से सबको चौंका दिया है।
1035 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली हीरो होंडा का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 4.6 प्रतिशत वृद्धि के साथ 14.8 प्रतिशत रहा। हीरो होंडा के लिए यह साल मुश्किलों से भरा रहा । वित्तीय वर्ष 2008 में यह कुछ खास कर पाने में सफल नहीं रहा और कमोबेश पिछले साल की तरह ही इसकी बिक्री रही।
हालांकि इसके कुछ खास मॉडल जैसे 150 सीसी हंक बिना किसी खास अतिरिक्त लागत के वाबजूद अच्छी कीमतों पर बिकी। यह कुछ लागत प्रबंधन के कारण इसकी कमाई में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके बावजूद दुपहिया वाहन बनाने वाली इस कंपनी की संभावनाएं अच्छी नहीं जान पड़ती है।
कंपनी की चाल अभी सुस्त है क्योंकि ग्राहक ऊंची ब्याज दरों के कारण सस्ती वित्तीय योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कच्च्चे सामान जैसे एल्युमिनियम और स्टील की बढ़ती कीमतों के कारण कंपनी पेशोपेश में है और मांग कम होने के कारण आगे बढ़ने से हिचचिका रही है।
अनुमान है कि हीरोहोंडा अपने प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर कर पाने में कामयाब होगी। बजाज ऑटो की एक्ससीडी बाजार को आकर्षित करने में नाकाम रही है जिससे हीरो होंडा के लिए राह कुछ आसान जान पड़ती है। वित्तीय वर्ष 2009 में इसकी ज्यादा बाइकों की बिक्री हो सकती है लेकिन कीमतों में वृद्धि तब तक संभव नहीं है जब तक कि मांग नहीं बढ़ जाती है।
पिछले तीन महीनों से गिरते बाजार केबीच निवेशकों को कुछ खास लाभ मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि हीरो होंडा वित्त वर्ष 2009 तक 11500 करोड़ रुपये का राजस्व जुटा पाएगी और साथ ही शुध्द लाभ 1100 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है।
आईसीआईसीआई बैंक: उम्मीद से कम बढ़त
क्रेडिट ग्रोथ की धीमी चाल और कठिन कारोबारी माहौल की वजह से भारत का दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक आईसीआईसीआई मार्च 2008 में समाप्त हुई तिमाही में कुछ खास कर पाने में नाकाम रहा। रिटेल एसेट्स में 3 प्रतिशत की धीमी वृद्धि एवं नेट इंटरेस्ट मार्जिन में मामूली वृद्धि तथा साथ ही एनपीए रेशियो में आंशिक वृद्धि सारी बातें बयां करती है।
डेरिवेटिव उत्पाद पर घाटे को लेकर बैंक ने अभी तक कोई प्रावधान नहीं किया है। हालांकि बैंक ने विदेश में अपनी संपत्ति के लिए 10 करोड़ डॉलर की व्यवस्था की है जिसमें की ट्रेजरी इनकम में 63 प्रतिशत की हानि हुई है और मार्च में समाप्त हुई तिमाही में यह 164 करोड़ रुपये पर सिमट गई। बैंक ने खर्च पर लगाम लगाते हुए प्रीप्रोविजनिंग प्रॉफिट को 28 प्रतिशत तक कर पाने में सफलता पाई है। हालांकि पूरे वर्ष के 35.5 प्रतिशत के प्रीप्रोविजनिंग प्रॉफिट के लक्ष्य से यह कम ही है।
बैंकों का प्रीप्रोविजनिंग प्रॉफिट 2291 करोड़ रुपये रह गया है। बैंक अंतिम तिमाही में 1150 रुपये का शुध्द लाभ कमा पाया है। बैंक केलिए अधिक अनुपात में चालू और बचत खाते का रहना खुशी का कारण रहा जो कि मार्च 2008 के अंत में 26 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ा।
वित्तीय वर्ष 2008 के अंत में बैंक को 4158 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ जोकि 33 प्रतिशत अधिक है। क्रेडिट ग्रोथ की मामूली गति को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 प्रतिशत की सामान्य क्रेडिट ग्रोथ केसाथ आमदनी 25 से 26 प्रतिशत वृद्धि के साथ रहनी चाहिए।
मार्च में समाप्त हुए इसके शेयरों में 40 प्रतिशत की गिरावट आई हालांकि शुक्रवार को परिणाम आने से पहले यह 4.5 प्रतिशत सुधार के साथ मजबूत हुई।