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आईएफसीआई को महंगा पड़ा हिंडाल्को, टाटा का राइट इश्यू

Last Updated- December 08, 2022 | 12:49 AM IST

हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स के राइट्स इश्यू में भारत की सबसे पुरानी वित्तीय संस्था आईएफसीआई को अच्छा-खासा नुकसान  झेलना पड़ा।


आईएफसीआई दोनों कंपनियों के राइट्स इश्यू की अंडर राइटर थी। आईएफसीआई ने इन दोनो इश्यू के लिए 400 करोड़ रुपये की अंडरराइडिंग की थी लेकिन गिरते बाजार में इस इश्यू की कीमत 280 करोड़ रुपये ही रह गई है।

 इस बारे में आईएफसीआई के कार्यकारी निदेशक एसके मंडल ने बताया कि यह दोनों  सब अंडरराइटिंग सौदे उस समय के हैं जब दोनों शेयरों की कीमत वर्तमान लेवल से 30 फीसदी अधिक थी। किसी को उम्मीद कहां थी कि  बाजार इस तरह से नीचे जाएगा।

हिंडाल्को के 5,000 करोड़ रुपये के राइट इश्यू की कीमत 96 रुपये प्रति शेयर थी जो वर्तमान में घटकर 65 रुपये ही रह गई है। सूत्रों ने बताया  कि आईएफसीआई ने हिंडाल्को के 150 करोड़ रुपये मूल्य के राइट इश्यू सिटी बैंक के साथ एक करार किया था।

इस बैंक ने अंडरराइटिंग के  लिए 3 फीसदी फीस ली थी जबकि उसने आईएफसीआई को 1.35 फीसदी ही दिया। आज आईएफसीआई के 150 करोड़ रुपये के निवेश  की वैल्यू 102 करोड़ रुपये ही रह गई है। मंडल का इस बारे में कहना है कि फंडामेंटल की बात करें तो राइट इश्यू की प्राइस इस समय आक र्षक है और आने वाले दो सालों में इसे अच्छा निवेश मिलने की उम्मीद है।

अगर टाटा मोटर्स के 4,145 करोड़ रुपये के राइट इश्यू की बात  करें जो सोमवार को बंद हुआ है। यह दो हिस्से में जारी किया गया था। पहला 2,185 करोड़ रुपये का हिस्सा आर्डनरी वोटिंग शेयर का था।  इसके लिए प्रति शेयर 340 रुपये रखी गई थी। इसे प्रमोटरों ने पूरी तरह अंडरराइट कर लिया।

शेष 1,960 करोड़ रुपये का राइट इश्यू लोवर वोटिंग शेयर के रूप में था जहां प्रति शेयर 305 रुपये कीमत रखी गई थी। इसमें जेएम फाइनेंशियल ने नॉन प्रमोटरों के 1,327 करोड़ रुपये के हिस्से को पूरी तरह से अंडरराइट किया। जेएम फाइनेंशियल का आईएफसीआई के साथ 250 करोड़ रुपये का सब अंडरराइटिंग करार था और यहां 0.75 फीसदी फीस के रूप में चुकाए गए थे।

सूत्रों के अनुसार एलआईसी जैसे संस्थागत निवेशक और डेमलेर क्रिसलर जैसे निवेशकों के इस राइट इश्यू से दूर रहने के निर्णय के कारण ये इश्यू 90 फीसदी सब्सक्रिप्शन भी हासिल नहीं कर सके। वर्तमान बाजार की स्थिति में टाटा मोटर्स का वोटिंग शेयर 243 रुपये में है तो बैंकर्स मानते हैं कि लोवर वोटिंग राइट शेयर भी 10 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है।

आईएफसीआई की 250 करोड़ रुपये के बुक वैल्यू वाले निवेश की वर्तमान वैल्यू 180 करोड़ रुपये ही रह गई है। उसे सीधे 70 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

First Published - October 21, 2008 | 10:06 PM IST

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