भारत की तेजी से उभरती कंपनियों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें अपने विस्तार की योजनाओं में बढ़ी ब्याज दरों की फिक्र करने की जरूरत नहीं है।
उनकी मदद के लिए प्राइवेट इक्विटी (पीई) ब्रिगेड भरी जेब के साथ तैयार है। जारी कैलेंडर वर्ष के दूसरी छमाही में उनका बटुआ और मोटा हो सकता है। पीई उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार भारत पर केंद्रित फंड जून से लेकर दिसंबर तक के छह माह में 5 अरब डॉलर की एकत्र कर सकते हैं।
यह पिछले साल की इसी समयावधि में जुटाई गई राशि की तुलना में दोगुना है। इसमें सबसे रोचक बात यह है फंडों ने तीन माहों में ही 70 करोड़ डॉलर से एक अरब डॉलर एकत्र कर लिए हैं। उदाहरण के लिए आईडीएफसी इक्विटी सिर्फ एक माह में ही 70 करोड़ डॉलर एकत्र किए। इसी तरह सेक्युओविया इंडिया कैपिटल ने अगस्त के अंत तक 2.5 करोड़ डॉलर एकत्र करके अपनी कुल पूंजी 1.8 अरब डॉलर तक पहुंचा दी है।
वैंचर इंटेलीजेंस के आंकड़ों के अनुसार पीई फंडों ने साल की पहली छमाही में 3 अरब डॉलर एकत्र किए, जबकि पूरे 2007 में इन फंडों ने 8.5 अरब डॉलर एकत्र किए थे। दूसरी छमाही में उसने फंडों ने 5 अरब डॉलर और एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे वह पिछले साल के स्तर को बरकरार रखने में सफल रहेगा।
सेक्युओविया कैपिटल इंडिया के प्रबंध निदेशक सुमिर चङ्ढा ने बताया कि सेक्युओविया कैपिटल इंडिया ग्रोथ फंड 2 जो रिस्पाँस मिला, वह निवेशकों का भारत की अर्थव्यवस्था में विश्वास का प्रतीक है। इसी फंड के कारण उनकी कंपनी सेक्युओविया कैपिटल प्लेटफार्म पेश कर सकी। इससे पहले 2006 में सेक्युओविया ने 40 करोड़ डॉलर एकत्र किए थे। इसके साथ ही वेंचर कैपिटल सेगमेंट में उसके तीन फंड थे।
सेक्युओविया कैपिटल इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया कि उनका मानना है कि भारत में कई ऐसी कंपनियां हैं जिनमें विकास की काफी संभावनाएं हैं जो अपने कारोबार को नए स्तर तक ले जा सकती हैं। इसलिए वे इन कंपनियों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद के लिए प्रतिबध्द हैं।
इसके साथ सेक्युओविया और आईडीएफसी प्राइवेट इक्विटी आईएल एंड एफएस इन्वेस्टमेंट मैनेजरों को जल्द ही किसी समय अपने फंड के 40 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद जेकोब बल्लास और यूटीआई वेंचर का स्थान है।