रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में हुई तेज गिरावट के चलते किसी भी भारत की कोई भी रियल एस्टेट कंपनी स्टैंडर्ड एंड पुअर एशिया प्रॉपर्टी 40 सूचकांक (एस एंड पी) में शामिल नहीं हो सकी है।
इस सूचकांक में मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर एशिया की 40 रियल एस्टेट कं पनियां शामिल हैं। बीएसई के रियालिटी इंडेक्स में भी पिछले दिनों भारी गिरावट आई है और अपने 52 हफ्तों की ऊंचाइ से यह आधा रह गया है।
इस इंडेक्स में डीएलएफ लि.,यूनीटेक लि.,इंडियाबुल्स रियल एस्टेट लि.,अनंत राज इंडस्ट्रीज,हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लि. समेत कई कंपनिया शामिल हैं। रियालिटी शयरों में आई गिरावट के मद्देनजर ग्लोबल कंसलटेंसी फर्म जेपी मार्गन ने अपने अप्रैल की रिपोर्ट में कहा था कि साल 2008 सख्त मौद्रिक नीति,फंडिंग में होने वाली रुकावटों के चलते भारत का रियल एस्टेट उद्योग खासा प्रभावित होगा।
डीएलएफ, जो भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है (मार्केट कैपटिलाइजेशन के लिहाज से) के भी शेयरों के भाव में गिरावट आई है। पिछले 52 हफ्तों के दौरान इस कंपनी के शेयरों की कीमत 1,225 रुपये प्रति शेयर से अब 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट लेकर 555 रुपये प्रति शेयर रह गई है।
जबकि एस एंड पी रैंकिंग की टॉप टेन कंपनियों की बात करें तो इस फे हरिस्त में छह चीन की,तीन जापान की जबकि एक सिंगापुर की कंपनी हैं। पहले स्थान पर मित्सुबिसी इस्टेट, जबकि दूसरे स्थान पर स्वाइर पैसिफिक लि. जबकि दसवें नंबर पर हांग कांग प्रॉपर्टीज है।