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Indian Stock Market: विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 528 अंक टूटा

सेंसेक्स 528 अंक गिरकर 77,620 पर बंद हुआ और निफ्टी में 150 अंकों की गिरावट आई

Last Updated- January 09, 2025 | 11:19 PM IST
Stock Market

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भारी बिकवाली और दिसंबर तिमाही के नतीजों की चिंता से भारतीय शेयर बाजारों के बेंचमार्क में गुरुवार को गिरावट आई। इन दोनों वजह से कारोबारियों के मनोबल पर चोट पहुंचना जारी है। फेड की बैठक के ब्योरे से पता चलता है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंकरों ने आगामी महीनों में ब्याज दरों में बदलाव पर अपनी रफ्तार धीमी रखने का फैसला लिया है।

इससे भी निवेशकों की चिंता बढ़ी। सेंसेक्स 528 अंक गिरकर 77,620 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी ने 150 अंकों की गिरावट के साथ 23,539 पर कारोबार की समाप्ति की। इस हफ्ते सेंसेक्स 2 फीसदी और निफ्टी 1.9 फीसदी टूटा है। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ रुपये घटकर 435 लाख करोड़ रुपये रह गया।

गुरुवार को एफपीआई 7,171 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे जो 28 नवंबर, 2024 के बाद बिकवाली का सबसे बड़ा एकदिवसीय आंकड़ा है। घरेलू संस्थान 7,640 करोड़ रुपये के खरीदार रहे। सेंसेक्स के कुल नुकसान में एक तिहाई से ज्यादा का योगदान एचडीएफसी बैंक ने किया जहां एफपीआई की खासी हिस्सेदारी है। डॉलर की मांग के बीच इसके मुकाबले रुपया नए निचले स्तर 85.86 को छू गया।

एवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स ऑल्टरनेट स्ट्रैटजीज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा कि रुपये के कमजोर होने से एफपीआई पर दबाव बढ़ रहा है जो अब कमाई में अनिश्चितता और ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद अमेरिका में होने वाले नीतिगत बदलावों की संभावना के बीच जोखिम को लेकर सतर्क हो गए हैं।

कुछ अग्रणी भारतीय कंपनियों के हालिया बिजनेस अपडेट ने यह चिंता बढ़ा दी है कि क्या दिसंबर तिमाही की कमाई सितंबर तिमाही से अलग होगी। पिछली तिमाही की आय गुरुवार को टीसीएस ने बाजार बंद होने के बाद घोषित की। टीसीएस के आंकड़े ब्लूमबर्ग के अनुमान से कम रहे। इन अनुमानों के अनुसार राजस्व 64,748 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 12,534 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद थी जबकि टीसीएस ने 63,973 करोड़ रुपये का राजस्व और 12,380 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि बिकवाली मुख्य रूप से तीसरी तिमाही के आय नतीजों की घोषणाओं से पहले सतर्कता और वैश्विक बाजारों से मिले-जुले संकेतों के कारण थी। एफआईआई की लगातार बिकवाली नकारात्मक भावना बढ़ा रही है। हमें उम्मीद है कि शेयर विशेष में खरीद-फरोख्त के साथ बाजार एक दायरे में मजबूत होंगे।

आने वाले समय में आय का सीजन और अमेरिकी रोजगार की रिपोर्ट (जो ट्रेडरों को फेडरल रिजर्व की ब्याज कटौती की राह के बारे में नए संकेत देगी) बाजार की दिशा तय करेगी। बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और 2,826 शेयर टूटे जबकि 1,144 में बढ़त दर्ज हुई। सेंसेक्स के दो तिहाई शेयर टूटे। लार्सन ऐंड टुब्रो में 1.8 फीसदी और टीसीएस में 1.7 फीसदी की गिरावट आई। सेंसेक्स की गिरावट में इनका भी बड़ा योगदान रहा।

First Published - January 9, 2025 | 11:19 PM IST

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