रुपए में डॉलर की तुलना में गिरावट आने से मिले सुकुन की वजह से इन्फोसिस ने जून की तिमाही में संतोषजनक प्रदर्शन किया।
कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ जून की तिमाही में 6.8 फीसदी की बढ़त के साथ 4,854 करोड़ पर रही। हालांकि यह अनुमान से कम है। कंपनी का शुध्द लाभ 1,302 करोड़ रुपए रहा जिसके लिए कंपनी को कम करों और ऊंची अन्य आय का शुक्रगुजार होना चाहिए।
हालांकि कंपनी को ऑपरेटिंग मार्जिन में दो फीसदी की गिरावट झेलनी पड़ी और यह 30.47 फीसदी के स्तर पर आ गई। कंपनी को पहली तिमाही में वीजा की लागत और कर्मचारियों की तनख्वाह पर काफी धन खर्च करना पड़ा। कंपनी की रुपए के आधार पर आय बढ़ी और यह वर्तमान वर्ष में 99.3 से 101.06 प्रति शेयर पर पहुंच गई। हालांकि यह सिर्फ रुपए की कीमत में आई गिरावट की वजह से हुआ।
कंपनी को कारोबार में जबरदस्त प्रतियोगी माहौल का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के शेयरों के प्रदर्शन ने निवेशकों को निराश किया। शुक्रवार को हुए कारोबार में कंपनी के स्टॉक की कीमत में सात फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आई। इसके अतिरिक्त इंफोसिस को बड़े ग्राहकों से प्राप्त होने वाले राजस्व की दर में गिरावट आई। कंपनी को अपने ग्राहकों से प्राप्त राजस्व में सिर्फ 3.8 फीसदी का सुधार हुआ। कंपनियों का वित्तीय और बैंकिंग सेवाओं मे फोकस घट गया और यह इस वित्त्तीय वर्ष चार फीसदी रहा। कंपनी का पहली छ:माही से प्राप्त राजस्व 46 से 47 फीसदी ज्यादा रहा।
कंपनी के लिए सौदों की संख्या बरकरार रही और कंपनी ने इस तिमाही में 49 नए सौदे जोडे। ज़ो कि पिछले कुछ समय में ग्राहकों की संख्या में सबसे बड़ा है। प्रबंधकों का मानना है कि हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी के सपाट रहने की संभावना है तब इंडियन वेंडर के लिए काम मिलने का बेहतर अवसर है। नए ग्राहकों के आने से प्राइसिंग के भी सुधरने की संभावना है और इसके वित्त्तीय वर्ष 2009 में 31.4 फीसदी के करीब रहने की संभावना है। कर्मचारियों पर होने वाले खर्च के कम बढ़ने से कंपनी 25,000 कर्मचारियों की और जोड़ने की हालत में होगी।
कंपनी के आय के 21 फीसदी के हिसाब से बढ़ने की संभावना है। मौजूदा बाजार मूल्य 1676 रु पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 16.5 गुना के स्तर पर हो रहा है। रुपए का कीमतों में और गिरावट का फायदा कंपनी के स्टॉक को मिल सकता है। कंपनी के लिए भविष्य कुछ बेहतर नजर आ रहा है। इसकी वजह है कि कंपनी का अधिक फोकस बैंकिंग और फाइनेंसियल सेवाओं में नही है।
कंपनी का स्टॉक एक समय 3,000 रुपए के करीब पहुंच गया था। लेकिन बीच मे रुपए के डॉलर की तुलना में मजबूत होने से सूचना प्रोद्योगिकी कंपनियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। लेकिन एक बार फिर रुपए की कीमतों में गिरावट आने की वजह से बेहतर प्रदर्शन की आशा की जा सकती है। कंपनी का स्टॉक अभी सस्ता है निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।