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बाजार कमजोर होने पर भी एसआईपी में निवेश है समझदारी

Last Updated- December 07, 2022 | 5:01 AM IST

सुनील शाह आज काफी चिंतित हैं। वह अक्टूबर 2007 में बाजार में प्रवेश किये थे,जब सेंसेक्स एक सप्ताह के अंदर 1000 अंक उछला रहा था।


उस समय उनके पहले से बाजार में निवेश कर रहे दोस्तों ने उन्हे सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के म्युच्युअल फंड के द्वारा बाजार में निवेश करने की सलाह थी । इसके पहले उन्होंने बाजार में कभी निवेश नहीं किया था।

उन्होंने बाजार में निवेश करने का पूरी तरह से निश्चय कर लिया और एसआईपी में 5000 रुपये के साथ शुरु कर दिया शाह ने पिछले आठ महीनों में 1.6 लाख रुपये का निवेश किया। हाल ही में उनके म्युच्युअल फंड  नेट एसेट वैल्यू(एनएवी) में हुए क्षरण का यह अर्थ हुआ कि उनकी यह निवेश की गई राशि 1.2 लाख रुपये ही रह गई। 

अब वह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वह किसी अब एसआईपी में निवेश करने का कोई मतलब बचा है या नहीं। वित्त सलाहकार कहते हैं कि इस समय निवेशक अपने एसआईपी में निवेश करना बंद कर दे या बाहर निकल जाए। हम निवेशकों को यह समझने की कोशिश करते हैं कि यह समय इसके लिए काफी प्रतिकूल है।इस सोमवार को जब सेंसेक्स में 506 अंको की गिरावट हुई तो शाह जैसे निवेशकों ने अपने अपने म्युच्युअल फंड वितरक से एसआईपी को रोकने के लिए कह दिया।

वितरक ने तुरंत उनसे कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकते हैं। शाह ने तर्क दिया कि उनकी यूनिट और पैसा कम हो रहा है तो ऐसे में क्या करें? उनकी प्रोफाइल पहले से ही 25 प्रतिशत कम हो चुकी है। इस चाहत में कमाई की जगह अपनी कमाई की भी पूंजी चली जा रही है। उनके फंड वितरक ने समझाया कि जब एनएवी गिरती है तब आपको अधिक फंड की अधिक यूनिट मिल रही होती हैं। इसका मतलब है कि जब बाजार ऊपर चढ़ेगा तो आपको अधिक रिटर्न मिलेगा।

माना कि एक फंड की एनएवी 20 रुपये है। जब आप इस फंड में 5000 रुपये निवेश करते हो तो आपके द्वारा खरीदी गई यूनिट 250 (250*20?= 5000)होती है। (जिसके तहत 2.25 फीसदी एंट्री लोड और 2 फीसदी वाषिर्क फंड मैनेजमेंट शुल्क का समावेश नहीं है । साथ ही यदि निवेशक ने एनएवी सीधे कंपनी से लिया हो तो उस पर एंट्री लोड लागू नहीं होता है।)

अब, एनएवी यदि गिरकर 18 रुपये पर पहुंच जाता है तो आप 277.7 यूनिट खरीद सकते है। यह भविष्य में गिरकर यदि 15 रुपये हो जाता है तो आप 333.3 यूनिट खरीद पाएगे। शाह के मामले को लेते है, यदि वे एसआईपी के साथ बने रहते तो वह कुछ और संख्या यहां देखने को पाते। माना पहले 6 महीने में 1500 यूनिट उनके पास थी जिनकी नेट एसेट वैल्यू 20 रुपये थी, दूसरे चार महीनों में 18 रुपये की 1110.8 यूनिट और दूसरे चार महीनों में 15 रुपये की 1333.2 युनिट प्राप्त किया, इस तरह कुल यूनिट 3,944 हो गई।

यदि छह महीने के अंदर बाजार एक बार फिर से ऊपर गया और नेट एसेट वैल्यू बढ़कर 25 रुपये हो जाती है तो उनको 98,600 रुपये का फायदा हो सकता है(70000 हजार के निवेश पर)। बाजार गिरने के दौरान अतिरिक्त 444 यूनिटों को मिलाने के बाद कुल आय में 11000 रुपये जुड ग़ये। अंत यह है बाजार के गिरते रहने के दौरान एसआईपी में निरंतर निवेश करना बुध्दिमानी है।

First Published - June 11, 2008 | 11:14 PM IST

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