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जेनसोल-ब्लूस्मार्ट प्रकरण से डगमगाया निवेशकों का भरोसा

भारतपे, जिलिंगो, गोमैकेनिक, मोजोकेयर और जेस्ट मनी जैसी कंपनियों ने दिखाया कि ऑडिट प्रबंधन और अनुपालन के मसलों को किस तरह हल्के में लिया गया।

Last Updated- April 20, 2025 | 10:44 PM IST
From 96% to almost nothing: How Gensol's promoter holding vanished
प्रतीकात्मक तस्वीर

जेनसोल-ब्लूस्मार्ट प्रकरण भारतीय स्टार्टअप के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए ऐसा क्षण बन गया है, जो पहले कभी घटित नहीं हुआ है। जेनसोल इंजीनियरिंग और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी में वित्तीय हेराफेरी और पारदर्शिता की कमी के आरोपों ने एक बार फिर कई निवेशकों को सतर्क कर दिया है, ठीक उस समय जब देश में स्टार्टअप क्षेत्र में फंडिंग सामान्य होने लगी थी।

बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बात करने वाले कई निवेशक इस बात पर सहमत थे कि इससे अल्पावधि में फंडिंग की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। ब्लूस्मार्ट को शुरुआती चरण में समर्थन देने वाली वेंचर कैपिटल कंपनी के संस्थापक साझेदार ने कहा कि यह प्रकरण निवेशकों को देसी स्टार्टअप में पैसा लगाने के बारे में अधिक सतर्क कर सकता है।

उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘इस घटना ने निश्चित ही चिंता पैदा की है, खास तौर पर उन संस्थागत निवेशकों के बीच, जो बढ़त के साथ-साथ संचालन को भी महत्व देते हैं। विदेशी पूंजी के मामले में, विशेष रूप से जापान जैसे देशों से, जहां अनुपालन और पारदर्शिता बुनियादी बातें होती हैं, इस तरह की घटनाएं हिचकिचाहट पैदा करती हैं तथा गहन जांच-पड़ताल को प्रेरित करती है।’ पूरी तरह से इलेक्ट्रिक राइड हेलिंग सेवा प्रदान करने वाली ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के कुछ प्रमुख निवेशकों में बीपी वेंचर्स, एशिया क्लाइमेट पार्टनर्स, सॉफ्टबैंक ग्रुप, स्विट्जरलैंड की रिस्पॉन्सएबिलिटी आदि शामिल हैं।

इन्फो एज के संस्थापक और स्टार्टअप निवेशक संजीव बिखचंदानी ने ब्लूस्मार्ट के पतन को स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए झटका बताया। उन्होंने कहा कि कंपनियों को कॉरपोरेट प्रशासन पर जोर देते हुए व्यावहारिक कारोबार निर्मित करने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘कारोबार व्यावहारिक होना चाहिए। किसी कंपनी को बनाए रखने के लिए कॉरपोरेट प्रशासन अच्छा होना चाहिए।’

भारतीय स्टार्टअप के पारिस्थितिकी तंत्र में साल 2023 के दौरान बड़ा बदलाव देखने को मिला था जब कई कंपनियों के प्रशासन में कमी पाई गई थी। भारतपे, जिलिंगो, गोमैकेनिक, मोजोकेयर और जेस्ट मनी जैसी कंपनियों ने दिखाया कि ऑडिट प्रबंधन और अनुपालन के मसलों को किस तरह हल्के में लिया गया।

एंजेल निवेशक लॉयड मैथियास ने बताया कि स्टार्टअप का शुरुआती चरण वाला पारिस्थितिकी तंत्र निवेशकों के बीच चिंता का विषय रहा है, खास तौर पर एड-टेक कंपनी बैजूस के पतन के बाद। उन्होंने कहा, ‘निवेशकों के लिए बड़ा मसला सामान्य रूप से भारत में कॉर्पोरेट प्रशासन के मानक और विशेष रूप से स्टार्टअप के शुरुआती चरण वाले पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर है। मुझे लगता है कि यह (ब्लूस्मार्ट मामला) बहुत अच्छा नहीं है तथा यह अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों निवेशकों को काफी ज्यादा सतर्क कर देगा।’

First Published - April 20, 2025 | 10:44 PM IST

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