बाजार सूत्रों के अनुसार तेजी से उभरकर आ रही ऊर्जा कंपनियां जेएसडब्ल्यू और स्टरलाइट एनर्जी ने बाजार की दम तोड़ती स्थिति को देखते हुए अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) योजनाओं को फिलहाल टाल देने का फैसला किया है।
सान जिंदल समूह की जेएसडब्ल्यू एनर्जी अपने होनेवाले खर्च के लिए फंड जुटाने के लिए कंपनी के पांच प्रतिशत केहिस्से का प्राइवेट प्लेसमेंट अमेरिका स्थित प्राइवेट इक्विटी फंड में कर रही है। इसी तरह वेदान्ता समूह की कंपनी स्टरलाइट एनर्जी अपनी ग्रीनफील्ड परियोजना के लिए 1.6 अरब रुपये कर्ज लेने की योजना बना रही है।
मालूम हो कि इस साल के आरंभ से अब तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंजका सूचक 32.66 ( 6,665 अंक) प्रतिशत तक नीचे के स्तर तक पहुंच चुका है। जेएसडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपनी आईपीओ लाने की योजना को हमने फिलहाल टाल दिया है और बाजार की सेहत बेहतर हो जाने की प्रतीक्षा कर रहें हैं और जैसे ही हालत सुधरती है, हम अपने आईपीओं केसाथ पुन: दस्तक देंगे। अधिकारी ने कहा कि हमने पहले ही ड्राफ्ट रेड हेरिंग फाइल कर दिया है जोकि अभी आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
जेएसडब्ल्यू अपनी इक्विटी के प्राइवेट प्लेसमेंट केजरिए 500 मिलियन डॉलर जुटाने की आशा में है। इसी तरह इस साल 16 जनवरी को वेदांता समूह के अध्यक्ष ने अगले कुछ महीनों में एक अरब डॉलर केआईपीओं लाने की बात कही थी, हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई निश्चित समय सीमा बताने से इनकार कर दिया था लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि बैंकर और सलाहकार इस पर काम कर रहें हैं। इस से पहले इस साल के आरंभ में वोकहार्ड हॉस्पिटल और एम्मार के बड़े इक्विटी ऑफरिंग अपनी योजनाओं के लिए फंड जुटाने में संघर्ष करते दिखाई दिए।
गौरतलब है कि अब तक इस वर्ष ज्यादातर शेयर बाजार की स्थिति नाजूक बनी रही। इसका मुख्य कारण बहुत सारे वैश्विक आर्थिक समस्याएं जिसमें अमेरिकी क्रेडिट ग्रोथ संकट और विकाशसील देशें में मंदी का छाया रहना रहा। इसके परिणामस्वरूप आसमान छूती महंगाई पर लगाम कसने केलिए सरकार ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया जिससे निवेशकों की अपेक्षाओं पर जबरदस्त धक्का लगा। इस साल जनवरी में प्राइमरी इक्विटी मार्केट ने रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन किया ।
अनिल अंबानी की रिलायंस पावर ने इसी समय देश के अब तक सबसे बड़े आईपीओं केजरिए 3 अरब डॉलर से ज्यादा की उगाही की थी लेकिन उसके बाद कंपनी का शेयर बाजार में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर पाने में नकाम रही। मौजूदा हालात को देखते हुए पावर कंपनियां अब दूसरे स्त्रोतों से फंड जुटाने पर विचार कर रही है।
एस्सार पावर फिलहाल अमेरिका स्थित प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक से लगभग 600 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। सरकार की ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में 80,000 मेगावाट ऊर्जा के उत्पादन के महत्वाकांक्षी योजना के कारण ऊर्जा का उत्पादन करनेवाली कंपनियों इसकेलिए अधिक फंड जुटाने के लिए प्रेरित किया है।