शुक्रवार को डाऊ जोंस पिछले चार महीनों से सबसे ऊंचे स्तर पर बंद हुआ है, इस लिहाज से इस हफ्ते की शुरुआत अच्छी रहनी चाहिए।
इसके अलावा अमेरिकी लेबर बाजार के आंकडे अच्छे होने का भी असर पड़ेगा। अमेरिका में मंदी होने के बावजूद अप्रैल में केवल 20 हजार नौकरियां कम की गईं जबकि 75 हजार नौकरियां कम होने की बात की जा रही थी।
शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही पिछले दो महीने केउच्चतम स्तर पर बंद हुए हैं, ये तेजी डेरिवेटिव सेगमेन्ट में एफआईआई की खरीदारी बढ़ने से आई है। शुक्रवार को एफआईआई कैश सेगमेन्ट में 658 करोड़ केशुध्द खरीदार रहे हैं, इसके अलावा शुक्रवार को 43686 इंडेक्स फ्यूचर्स और 20030 इंडेक्स ऑप्शंस बढ़े हैं।
निफ्टी मई वायदा के सौदों का ओपन इंटरेस्ट 22.72 लाख शेयरों से बढ़ गया और इसका प्रीमियम भी 14 से बढ़कर 18 अंक हो गया। इससे साफ है कि पिछले हफ्ते नई शार्ट पोजीशन नहीं बनी हैं। पिछले हफ्ते के आखिरी चार दिनों में एफआईआई इंडेक्स फ्यूचर्स और ऑप्शंस के शुध्द खरीदार रहे हैं। उन्होने निफ्टी में लांग पोजीशन ली है और पुट ऑप्शंस की खरीदारी कर हेजिंग की है।
सीमेन्ट, कैपिटल गुड्स, मेटल्स और टेलिकॉम सेक्टरों में शार्ट पोजीशन देखी गई हैं और रियालिटी, ऑटो, फार्मा और आईटी सेक्टरों में लांग पोजीशन बनी हैं।केपीआईटी कमिन्स, एल्सटॉम प्रोजेक्ट्स, वेलस्पन गुजरात और ग्रासिम इंडस्ट्रीज के फ्यूचर्स में ताजा ओपन इंटरेस्ट बनने से 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई, जिससे साफ है कि इनमें शार्ट पोजीशंस बन रही हैं।
इस हफ्ते इन शेयरों में और गिरावट देखी जा सकती है। इसके अलावा सेसा गोवा, बॉम्बे डाइंग, प्राज इंडस्ट्रीज, महिन्द्रा गेस्को और एचडीआईएल में काफी लांग पोजीशंस बनी हैं। ये स्टॉक पिछले हफ्ते 15-15 फीसदी बढ़ गए और इस हफ्ते इनमें और तेजी आने की संभावना है।
निफ्टी का पीसीआर (पुट कॉल रेशियो) 1.24 से घटकर 1.20 पर आ गया है जिससे संकेत मिलते हैं कि कॉल ऑप्शंस में खरीद हो रही है। ऑप्शन के आंकड़ों के मुताबिक आउट ऑफ मनी कॉल्स (5300-5500) की बिकवाली हो रही है जिससे संकेत मिलता है कि इस स्तर पर निफ्टी में स्थायित्व आ रहा है और तेजी का माहौल बने रहने की उम्मीद हो रही है। भारतीय बाजारों का रुख बेहतर रहने का वैश्विक माहौल बन रहा है।