एक ओर जहां बेंचमार्क निफ्टी और सेंसेक्स मामूली नुकसान से बचे रहे वहीं व्यापक बाजारों पर दबाव बना रहा। निफ्टी माइक्रोकैप-250 में 0.82 फीसदी की गिरावट आई और उसका नुकसान अपने सर्वोच्च स्तर से 27 फीसदी पर पहुंच गया। बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और बीएसई पर 2,852 शेयर टूटे जबकि 1,235 में बढ़ोतरी दर्ज हुई। इस बीच, 1,133 शेयरों ने 52 हफ्ते के निचले स्तर को छुआ।
बाजार में तीव्र बिकवाली के बीच पिछले एक हफ्ते से 52 हफ्ते के निचले स्तर को छूने वाले शेयरों की संख्या बढ़ रही है। ऐक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अक्षय चिंचालकर ने एक नोट में कहा, एनएसई-500 के लिए चढ़ने और गिरने वाले शेयरों के अनुपात का झुकाव अब नीचे की ओर है।
अगर हम 50, 100 और 200 दिन के औसत से ऊपर के शेयरों के प्रतिशत को देखें तो यह क्रमशः 7.6 फीसदी, 6.2 फीसदी और 10.1 फीसदी है। हम उन्हें बहुत कम कहेंगे। कोविड के कारण टूटे बाजार में ये आंकड़े क्रमशः 1.2 फीसदी, 4 फीसदी और 10.3 फीसदी थे।
फरवरी में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात 0.72 फीसदी था जो पांच साल का निचला स्तर है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स क्रमश: 10.8 फीसदी और 13.1 फीसदी गिरा है जो मार्च 2020 के बाद उनका सबसे खराब मासिक प्रदर्शन है।
उन्होंने कहा, ऐतिहासिक पैटर्न से पता चलता है कि चढ़ने और गिरने वाले शेयरों के अनुपात का चरम अक्सर बाजार के निचले स्तर से पहले देखने को मिलता है, लेकिन निवेशकों को पोजीशन लेने से पहले रिकवरी की पुष्टि तक इंतजार करना चाहिए।