Market Outlook: इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की दिशा इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और इससे वैश्विक आपूर्ति पर पड़ने वाले असर पर निर्भर करेगी। साथ ही, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बाजार की चाल को प्रभावित करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक संकेत, विदेशी निवेशकों की गतिविधियां और घरेलू स्तर पर मानसून की प्रगति भी इस सप्ताह बाजार के मूड को तय करेंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा, “इस सप्ताह बाजार की दिशा वैश्विक संकेतों से तय होगी। खासतौर पर इजरायल-ईरान तनाव, अमेरिका के आर्थिक आंकड़े और फेडरल रिजर्व अधिकारियों की टिप्पणियां महत्वपूर्ण रहेंगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू स्तर पर निवेशक मानसून की स्थिति, महीने के आखिरी सप्ताह होने के कारण डेरिवेटिव्स के निपटान, कच्चे तेल के दाम और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की हिस्सेदारी पर नजर रखेंगे।
पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स 1,046 अंक की तेजी के साथ 82,408.17 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 319 अंक चढ़कर 25,112.40 के स्तर पर पहुंच गया।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता अब भी बनी हुई है। निवेशक इस हफ्ते अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ और पीसीई (पर्सनल कंजंप्शन एक्सपेंडिचर) के आंकड़ों पर भी नजर बनाए रखेंगे। इसके अलावा भारत के पीएमआई (खरीद प्रबंधक सूचकांक) आंकड़े भी बाजार के लिए अहम होंगे।
पिछले हफ्ते सेंसेक्स में कुल 1.58% और निफ्टी में 1.59% की बढ़त दर्ज की गई।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के संपदा प्रबंधन विभाग के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अमेरिका के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई डेटा के साथ-साथ भू-राजनीतिक घटनाओं की वजह से वैश्विक संकेतकों की भूमिका आने वाले दिनों में और अहम होगी।
एफपीआई की भागीदारी को लेकर वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के वरिष्ठ निदेशक (लिस्टेड इनवेस्टमेंट्स) विपुल भोवार ने बताया कि अप्रैल में एफपीआई प्रवाह में गिरावट आई थी, लेकिन मई में इसमें तेज बढ़त देखी गई जो बीते आठ महीनों में सबसे अधिक रही।
उन्होंने कहा कि हालांकि, इजरायल-ईरान संघर्ष और अन्य अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को देखते हुए जून में बाजार में सावधानी के साथ-साथ सकारात्मक रुख बना हुआ है।