SBFC IPO: बाजार नियामक सेबी समर्थित और परिसंपत्तियों प्रबंधन कंपनियों की फंडिंग के जरिए स्थापित सीमित मकसद वाले क्लियरिंग कॉरपोरेशन (एलपीसीसी) एएमसी रीपो क्लियरिंग (एआरसीएल) की शुरुआत के समय काफी वादे किए गए थे। हालांकि तब से इस प्लेटफॉर्म पर कोई ट्रेड नहीं हुआ है।
जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 28 जुलाई को इस प्लेटफॉर्म का उदघाटन किया था तब 12 ट्रेड के जरिये यहां 480 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, उद्योग के प्रतिभागियों के बीच सीमित मकसद वाले क्लियरिंग कॉरपोरेशन का विचार पूरी तरह से अपनी जगह नहीं बना पाया है और एआरसीएल कंपनियों, प्राइमरी डीलरों और अन्य भागीदारों के साथ बातचीत कर रही है।
पिछले हफ्ते बाजार नियामक सेबी को उस मामले पर प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) की आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसमें सेबी ने एक दशक से ज्यादा पहले के मामले में सख्त सजा दी थी। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य की तरफ से अक्टूबर 2021 में पारित आदेश को निरस्त करते हुए पंचाट ने कहा, कारण बताओ नोटिस का आधार गलत है और यह उचित सबूत पर आधारित नहीं है।
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हमने पाया कि किसी नोटिस पाने वाले के खिलाफ आगे कार्यवाही कुछ ठोस सबूतों के आधार पर होना चाहिए, जिसका अभाव नजर आ रहा है। यह सिर्फ अपर्याप्त सबूत का मामला नहीं है बल्कि यहां सबूत का ही अभाव है।
एसबीएफसी फाइनैंस और कॉनकॉर्ड बायोटेक का आईपीओ वैसे तो दो दिन बाद बंद होगा, लेकिन अगर ग्रे मार्केट प्रीमियम पर नजर डालें तो यह शानदार दिख रहा है। 1,025 करोड़ रुपये के एसबीएफसी के आईपीओ को 6.3 गुना बोली मिली है और इसका जीएमपी 65 फीसदी से बढ़कर 70 फीसदी पर पहुंच गया है जबकि बाजार में उतारचढ़ाव हो रहा है। इस बीच, राकेश झुनझुनवाला फैमिली समर्थित कॉनकॉर्ड बायोटेक का शेयर का जीएमपी 25 फीसदी है।
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