facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

बाजार हलचल: आठ सप्ताह की तेजी, निफ्टी का दमखम जारी; अगर ये हो गया तो 2010 के बाद बनेगा एक नया रिकॉर्ड

विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत ‘गिरावट में खरीद का रुझान’ यह दर्शाता है कि कोई भी पुलबैक लॉन्ग पोजीशन बनाने का एक अच्छा अवसर हो सकता है।

Last Updated- July 28, 2024 | 9:58 PM IST
FII in India

Stock Market: शुक्रवार को मजबूत तेजी की वजह से निफ्टी-50 सूचकांक लगातार आठवें सप्ताह तेजी दर्ज करने में सफल रहा। यह जनवरी 2018 के बाद इसकी सबसे लंबी साप्ताहिक बढ़त है। 27 मई से शुरू इन आठ सप्ताहों के दौरान निफ्टी-50 सूचकांक 2,304 अंक या 10.2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहा है। यदि निफ्टी एक और सप्ताह बढ़त बनाए रखता है तो वह मार्च 2010 के बाद से अपनी सबसे लंबी साप्ताहिक तेजी का रिकॉर्ड बना लेगा।

हालांकि बाजार अत्यधिक ‘ओवरबॉट’ जोन में है जिससे इसकी संभावना कम है लेकिन यह असंभव भी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत ‘गिरावट में खरीद का रुझान’ यह दर्शाता है कि कोई भी पुलबैक लॉन्ग पोजीशन बनाने का एक अच्छा अवसर हो सकता है। गिरावट की सूरत में कारोबारियों को लॉन्ग पोजीशन बनाने के लिए 24,500-24,400 के दायरे पर नजर रखनी चाहिए। शुक्रवार को निफ्टी 24,835 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ।

इंट्राडे कारोबारियों को नुकसान होने वाले अध्ययन से चिंता बढ़ी

पिछले सप्ताह बाजार नियामक सेबी के अध्ययन ने सभी का ध्यान खींचा। अध्ययन से पता चला कि 71 प्रतिशत इंट्राडे कारोबारियों को घाटा हो रहा है। हालांकि ट्रेडिंग की ऊंची लागत से संबंधित एक महत्वपूर्ण डेटा बिंदु ज्यादा ध्यान खींचने में विफल रहा।

मुनाफे पर दबाव डालने वाले मुख्य कारकों में से एक है कारोबार की ऊंची लागत, जिसमें ब्रोकरेज फीस, एक्सचेंज फीस, सेबी टर्नओवर फीस, स्टांप ड्यूटी, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) और जीएसटी शामिल हैं। इसमें अल्पावधि और दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर शामिल नहीं है।

अध्ययन में कहा गया, ‘वित्त वर्ष 2023 में नुकसान उठाने वाले कारोबारियों का नुकसान ट्रेडिंग लागत के कारण 57 प्रतिशत तक बढ़ गया। लाभ कमाने वालों को वित्त वर्ष 2023 में अपने ट्रेडिंग मुनाफे का 19 प्रतिशत ट्रेडिंग लागत पर खर्च करना पड़ा।’ एसटीटी बढ़ने और ब्रोकरेज शुल्क में इजाफे होने की संभावना से यह लागत और बढ़ सकती है।

एकम्स ड्रग्स ऐंड फार्मास्युटिकल के आईपीओ पर 25 प्रतिशत प्रीमियम

एकम्स ड्रग्स ऐंड फार्मास्युटिकल्स का शेयर अपने आईपीओ से पहले ग्रे बाजार में 25 प्रतिशत प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है। ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रिडिएंट निर्माता का शेयर 646-679 रुपये के अपने कीमत दायरे के मुकाबले 850 रुपये पर कारोबार कर रहा है। कंपनी के आईपीओ में 680 करोड़ रुपये की ताजा धन जुटाना और 1,177 करोड़ रुपये की सेकंडरी शेयर बिक्री शामिल है। इसका कुल निर्गम आकार 1,857 करोड़ रुपये है।

आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल मुख्य रूप से कर्ज चुकाने में किया जाएगा। हिस्सेदारी घटने के बाद एकम्स ड्रग्स का मूल्यांकन 10,687 करोड़ रुपये रह जाएगा। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने परिचालन से 4,178 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया जो एक साल पहले के मुकाबले 14 प्रतिशत की वृद्धि है।

First Published - July 28, 2024 | 9:52 PM IST

संबंधित पोस्ट