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लीमन के तूफान में उड़े दुनिया भर के बाजार

Last Updated- December 07, 2022 | 9:05 PM IST

लीमन ब्रदर्स के दिवालियापन की कगार पर पहुंचने के बाद दुनिया भर के शेयर और मुद्रा बाजार में हड़कंप सा मच गया है।


वित्तीय सिस्टम में बने गहरे दबाव के कारण अधिकांश शेयर बाजारों के साथ अमेरिकी डॉलर आज औंधे मुह गिरा। नतीजतन ट्रेजरी डेट और सोने की कीमतें अप्रत्याशित ढंग से उछल गईं। अमेरिकी वायदा शेयर बाजार 3 फीसदी नीचे गिरा जबकि प्रमुख यूरोपीय और एशियाई बाजार 3.5 फीसदी से लेकर 4 फीसदी तक नीचे आए।

एक सप्ताह पहले ही अमेरिकी सरकार ने बड़े मॉर्गेज प्लेयर फेन्नी मेई फ्रेडी मेक को बचाकर विश्लेषकों को हैरत में डाल दिया था। उसके इस कदम से हर एसेट क्लॉस सदमे जैसी स्थिति में था। लीमन के पतन का कारण आत्मविश्वास का अभाव बताया जा रहा है।

उसके साथ दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कंपनी अमेरिकन इंटरनेशनल ग्रुप कार्पोरेशन के लिए शॉर्ट टर्म फंडिंग का अभाव परेशानी का सबब बना हुआ है। मीडिया के अनुसार इसने फेडरल रिजर्व से 40 अरब डॉलर का लोन मांगा है।

फिसले एशियाई बाजार: ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और ताईवान के शेयर तीन से 4 फीसदी तक गिरे, जबकि भारतीय बाजार 5 फीसदी टपके। एशिया के अधिकांश बाजारों में अवकाश होने के कारण वाल्युम काफी कम रहे, जबकि मुद्रा बाजार के लिए सुरक्षा पहले सवाल बाद में सूत्र वाक्य बन गया है।

अब उम्मीद की जा रही है कि फेडरल रिजर्व इस बिगड़ी स्थिति को संभालने के लिए ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। अमेरिकी डॉलर येन के मुकाबले 1.9 फीसदी गिरकर 105.88 येन प्रति डॉलर हो गया, जबकि स्विस फ्रेंक के मुकाबले वह 1.2 फीसदी कमजोर होकर 1.1165 फ्रेंक प्रति डॉलर हो गया। 

फेडरल रिजर्व बढ़ा सकता है तरलता: फेडरल रिजर्व वित्तीय सिस्टम को इस संकट से उबारने के लिए पहली बार इक्विटियों को आकस्मिक लोन के लिए स्वीकारना प्रारंभ कर सकता है। इस कदम से अस्तित्व बचाने के संकट का सामना कर रही वित्तीय संस्थानों को नगदी जुटाने में आसानी होगी।

सिंगापुर के जूलियस बेर की एशिया प्रशांत निवेश रिसर्च  प्रमुख वी अनंता नागेश्वरन ने बताया कि सच्चाई यह है कि उन्हें यह करने को मजबूर होना पड़ा है। हालांकि इस संकट की गहराई को देखते हुए उनकी ओर से अधिक प्रयास किए जाने की दरकार है। इसके साथ ही दुनिया के 10 सबसे बड़े बैंक तरलता को बरकरार रखने के लिए 70 अरब डॉलर के उधार की सुविधा जुटाने पर सहमत हो गए हैं।

First Published - September 15, 2008 | 10:46 PM IST

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