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वैश्विक तनाव से सहमा बाजार, बिकवाली ने तेजी को किया सीमित

एचडीएफसी बैंक में 2.2 फीसदी की तेजी आई जिसने सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान दिया।

Last Updated- November 19, 2024 | 11:02 PM IST
Share Market

प्रमुख सूचकांकों के ‘गिरावट’ के दायरे में प्रवेश करने के बाद बाजार में खरीदारी बढ़ने के बीच बेंचमार्क निफ्टी ने आज करीब 20 महीनों में गिरावट का सबसे लंबा सिलसिला तोड़ दिया। मगर रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने से निवेशकों के अंतिम घंटे में बिकवाली करने से सूचकांक ने अपनी ज्यादातर बढ़त गंवा दी।

कारोबार की समाप्ति पर निफ्टी महज 65 अंक चढ़कर 23,519 पर बंद हुआ। पिछले सात कारोबारी सत्र में निफ्टी गिरावट पर बंद हुआ, जो 28 फरवरी, 2023 के बाद सबसे लंबा गिरावट का सिलसिला रहा। दिन के कारोबार में सेंसेक्स करीब 1,113 अंक चढ़ गया था मगर बिकवाली हावी के कारण 239 अंक की तेजी के साथ 77,578 पर बंद हुआ था। सेंसेक्स में पिछले 4 कारोबारी सत्र से गिरावट देखी जा रही थी।

सितंबर के अंत में सूचकांकों के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली और कंपनियों के कमजोर नतीजों से बाजार में गिरावट का सिलसिला बना हुआ है।

यूक्रेन की सेना द्वारा पश्चिमी देशों द्वारा आपूर्ति की गई मिसाइलों का उपयोग करके रूस के सीमावर्ती क्षेत्र पर हमला करने की खबर से निवेशकों में घबराहट बढ़ गई जिससे उन्होंने आनन-फानन में जोखिम वाली संपत्तियों की बिकवाली शुरू कर दी। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक नए परमाणु सिद्धांत को मंजूरी दी थी जिसमें उस स्थिति का विस्तार किया गया है जिसके तहत रूस परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है।

सुरक्षित माने जाने वाली संपत्तियों में तेजी देखी गई। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 1.07 फीसदी घटकर 4.36 फीसदी पर कारोबार कर रहा था। सोना 1 फीसदी चढ़कर 2,637.6 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। बीते दो दिन में सोने के दाम में करीब 3 फीसदी की तेजी आई है।

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ने की खबर कारोबार के अंतिम समय में आई और लोगों ने घबराहट में बिकवाली की। बुधवार को महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों के कारण बाजार बंद रहेंगे। कुल मिलाकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नई नीतियों की घोषणा के बाद ही बाजार में वास्तविक सुधार दिख सकता है।’

विदेशी निवेशकों ने 3,411 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,784 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। सेंसेक्स के दो-तिहाई शेयर बढ़त में रहे। एचडीएफसी बैंक में 2.2 फीसदी की तेजी आई जिसने सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान दिया। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में 3.5 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.5 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 2,410 शेयर लाभ में और 1,559 शेयर नुकसान में बंद हुए।

एवेंडस कैपिटल मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘बाजार में काफी ज्यादा गिरावट आ चुकी है और अब इसमें थोड़ा सुधार की उम्मीद है। फिलहाल बाजार को बढ़ावा देने वाला कोई उत्प्रेरक नहीं है। वैसे भी साल के अंत में बाजार में गतिविधियां धीमी पड़ जाती हैं। इस समय घरेलू लिवाली से बाजार को थोड़ा दम मिलेगा। लेकिन जनवरी में ट्रंप के सत्ता संभालने और नीतियों में बदलाव करने से बाजार में उठापटक देखी जा सकती है।’

First Published - November 19, 2024 | 10:57 PM IST

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