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Mutual Fund AUM Q4: बाजार की गिरावट ले डूबी म्युचुअल फंड का एसेट गेन, Q4 में AUM 1.7% घटा

आमतौर पर म्युचुअल फंड्स की AUM मुख्य रूप से दो बातों पर निर्भर करती है। पहला नेट इनफ्लो या आउटफ्लो और दूसरा अंडरलाइन एसेट्स पर मार्केट मूवमेंट का मार्क-टू-मार्केट प्रभाव।

Last Updated- April 10, 2025 | 7:38 AM IST
Mutual Fund

Mutual Fund AUM Q4: शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव में म्युचुअल फंड्स अपने एसेट गेन (asset gains) को बचाने में असफल रहे। सितंबर 2024 में शुरू हुई इक्विटी मार्केट की तेज गिरावट ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) में म्युचुअल फंड्स (MFs) की लगातार 10 तिमाहियों से चल रही एसेट ग्रोथ की रफ्तार को रोक दिया। चौथी तिमाही में म्युचुअल फंड्स की कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹68.6 लाख करोड़ से घटकर ₹67.4 लाख करोड़ पर आ गईं, यानी इसमें 1.7% की गिरावट दर्ज की गई।

आमतौर पर म्युचुअल फंड्स की AUM मुख्य रूप से दो बातों पर निर्भर करती है। पहला नेट इनफ्लो या आउटफ्लो और दूसरा अंडरलाइन एसेट्स पर मार्केट मूवमेंट का मार्क-टू-मार्केट प्रभाव।

MF ने AUM 54% हिस्सा इक्विटी स्कीमों में लगाया

फरवरी तक म्युचुअल फंड्स की कुल AUM का 54% हिस्सा घरेलू इक्विटी-आधारित स्कीमों (एक्टिव और पैसिव दोनों) में निवेशित था। इसलिए इक्विटी बाजार के प्रदर्शन का कुल AUM पर बड़ा असर पड़ा। सॉल्यूशन-ओरिएंटेड और हाइब्रिड स्कीमें, जिनका एक हिस्सा इक्विटी में निवेश होता है, ने इस प्रभाव को और तेज कर दिया।

चौथी तिमाही के पहले दो महीनों में बेंचमार्क निफ्टी 50 में क्रमशः 0.6% और 5.9% की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि मार्च में बाजार में सुधार आया और तिमाही का अंत निफ्टी ने केवल 0.5% की गिरावट के साथ किया। चौथी तिमाही में निफ्टी 50 का औसत स्तर 23,110 रहा, जो तीसरी तिमाही की तुलना में 5.1% कम था।

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मार्क-टू-मार्केट असर कुछ हद तक बैलेंस

म्युचुअल फंड्स की AUM पर पड़ा मार्क-टू-मार्केट असर कुछ हद तक नए निवेशों से संतुलित हुआ। चौथी तिमाही के पहले दो महीनों में निवेशकों ने म्युचुअल फंड स्कीमों में कुल ₹2.3 लाख करोड़ का नेट निवेश किया। हालांकि मार्च महीने का इनफ्लो डेटा अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन म्युचुअल फंड्स की इक्विटी खरीद से जुड़े आंकड़े लगातार तीसरे महीने इक्विटी फंड्स में नेट निवेश में गिरावट की ओर इशारा कर रहे हैं।

SEBI के आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने में म्युचुअल फंड्स ने इक्विटी बाजार में कुल ₹12,622 करोड़ का नेट निवेश किया, जबकि फरवरी में यह आंकड़ा ₹48,000 करोड़ और जनवरी में ₹57,650 करोड़ रहा था। एक्टिव इक्विटी स्कीमों में नेट निवेश फरवरी में ₹29,303 करोड़ और जनवरी में ₹39,687 करोड़ रहा। इसके मुकाबले दिसंबर में यह इनफ्लो ₹41,156 करोड़ था।

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SBI, ICICI प्रूडेंशियल और HDFC टॉप-3 फंड हाउस

फंड हाउस के स्तर पर देखें तो, एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के लिहाज से SBI, ICICI प्रूडेंशियल और HDFC चौथी तिमाही (Q4) में भी टॉप तीन म्युचुअल फंड कंपनियां बनी रहीं।

Q4 में SBI का तिमाही औसत AUM ₹10.7 लाख करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में 3.7% कम है। ICICI प्रूडेंशियल का औसत तिमाही AUM 0.6% बढ़कर ₹8.8 लाख करोड़ हो गया, जबकि HDFC का AUM 1.7% घटकर ₹7.7 लाख करोड़ पर पहुंच गया।

First Published - April 10, 2025 | 7:38 AM IST

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