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Mutual Fund: अब डेट फंडों की नजर पूंजी लाभ नहीं, ब्याज आय पर

विश्लेषकों को डेट फंडों की यील्ड में गिरावट की गुंजाइश सीमित नजर आ रही है

Last Updated- June 09, 2025 | 9:42 PM IST
Debt Funds

ब्याज दर कटौती चक्र समाप्त होने के करीब होने से कई डेट और फंड प्रबंधक पूंजीगत लाभ की उम्मीद से अव​धि पर दांव लगाने के बजाय अपना ध्यान ब्याज आय पर केंद्रित कर रहे हैं। खासकर लंबी अव​धि के बॉन्डों में निवेश से जुड़े डेट फंडों ने पिछले दो-तीन वर्षों में शानदार रिटर्न दिया है क्योंकि दर में कटौती, अनुकूल मांग-आपूर्ति और वृहद आ​र्थिक परिवेश की वजह से यील्ड में भारी गिरावट आई है। यील्ड में गिरावट को बॉन्डधारकों के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि इससे पूंजीगत लाभ में इजाफा होता है। हालांकि फंड प्रबंधकों और विश्लेषकों का कहना है कि यील्ड में और ज्यादा गिरावट की गुंजाइश अब सीमित है, क्योंकि दर संबं​धित चक्र अब संभवत: पूरा हो चुका है।

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कॉरपोरेट ट्रेनर (फाइनैंशियल मार्केट्स) और लेखक जॉयदीप सेन ने कहा, ‘दर में कटौती का चक्र अब अपने अंत के करीब है। इसे देखते हुए आगे दर में कटौती की उम्मीद में बॉन्ड यील्ड में गिरावट की संभावना सीमित है। इसलिए, ड्यूरेशन प्ले यानी अव​धि संबं​धित दांव (जो कुछ समय से अच्छी तरह से चल रहा था) लगभग समाप्त हो गया है।’ डेट फंड रिटर्न का प्रमुख कारक अब ब्याज आय हो सकती है, जिसे ‘कैरी’ या ‘एक्रूअल’ भी कहा जाता है।

एचएसबीसी म्युचुअल फंड में मुख्य निवेश अ​धिकारी (फिक्स्ड इनकम) श्रीराम रामनाथन ने कहा, ‘भविष्य में दर में कटौती की उम्मीदें फिलहाल समाप्त हो गई हैं। हालांकि समय-समय पर ट्रेडिंग के अवसर मिल सकते हैं, लेकिन हम इस सेगमेंट में दरों में लगातार गिरावट की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। आगे चलकर डेट फंड रिटर्न के लिए कैरी (पोर्टफोलियो यील्ड) एक अधिक महत्वपूर्ण कारक बनने की संभावना है।’

हालांकि भले ही पूंजी वृद्धि की गुंजाइश सीमित है, लेकिन लंबी अव​धि के बॉन्ड डेट फंड पोर्टफोलियो में अपना आकर्षण बनाए रख सकते हैं।

टाटा म्युचुअल फंड (एमएफ) में फिक्स्ड इनकम के प्रमुख मूर्ति नागराजन ने कहा कि लंबी अवधि के बॉन्ड, विशेष रूप से सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) से ब्याज भुगतान, छोटी अवधि के बॉन्ड की तुलना में बेहतर रह सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘10 साल और 40 साल के बॉन्ड के बीच का अंतर 70 आधार अंक तक पहुंच गया है। यह स्तर कैरी के मामले में आकर्षक है।’ उन्होंने कहा, ‘अल्पाव​धि यील्ड के संदर्भ में, एएए कॉरपोरेट बॉन्ड का ‘कैरी’ के मकसद से इस्तेमाल किया जा सकेगा, क्योंकि ओवरनाइट दरों और 5 वर्षीय बॉन्डों के बीच अंतर 100 आधार अंक से ऊपर है।’

पीजीआईएम इंडिया एमएफ के प्रमुख (फिक्स्ड इनकम) पुनीत पाल ने कहा कि फंड हाउस के डेट फंड पोर्टफोलियो में एक्रूअल्स को ध्यान में रखते हुए कॉरपोरेट बॉन्ड की ओर अधिक आवंटन देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘हम अपनी पोर्टफोलियो रणनीति को 3-5 साल के सेगमेंट में कॉरपोरेट बॉन्ड के ऊंचे निवेश आवंटन की ओर फिर से केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि वे जोखिम समायोजित आधार पर बेहतर ब्याज आय दिलाते हैं।’

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को घोषित उम्मीद से अधिक दर कटौती के कारण यील्ड कर्व में तेजी आई, जिसमें पांच साल तक की अवधि के बॉन्ड में तेजी आई। लंबी अवधि के बॉन्डों में बिकवाली का दबाव देखा गया।

बंधन एएमसी के प्रमुख (फिक्स्ड इनकम) सुयश चौधरी के अनुसार, सहायक, स्थानीय और साथ ही वैश्विक कारकों को देखते हुए लंबी अवधि के बॉन्डों में फिर से मांग बढ़ सकती है।

First Published - June 9, 2025 | 9:33 PM IST

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