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म्युचुअल फंडों ने मार्च में गिरावट पर की खरीदारी

Last Updated- April 23, 2023 | 11:19 PM IST
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टॉप-20 म्युचुअल फंड (MF) हाउसों के पास नकद पूंजी मार्च में घटकर 5 प्रतिशत के साथ 10 महीने के निचले स्तर पर रह गई, क्योंकि फंड प्रबंधकों ने इ​क्विटी निवेश पर निर्णय लिया। मोतीलाल ओसवाल फाइनैं​शियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services- MOFSL) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी के अंत में नकद पूंजी 6.2 प्रतिशत पर थी, जो मई 2021 के बाद से सर्वा​धिक है।

आईसीआईसीआई प्रूडें​शियल ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (ICICI Prudential Asset Management Company- AMC) में मुख्य उप निवेश अ​धिकारी (इ​क्विटी) एवं शोध प्रमुख अनीश तवकले ने कहा, ‘इ​क्विटी बाजार मूल्यांकन पिछले साल मार्च की तुलना में अब ज्यादा उचित दिख रहा है। इसकी वजह से हमने कई योजनाओं में नकदी निवेश घटाया है।’

BSE का सेंसेक्स गिरकर 57,085 के निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी मार्च में 17,000 से नीचे फिसल गया। अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट की वजह से वै​श्विक इ​क्विटी पर दबाव की वजह से हुई भारी बिकवाली से इन सूचकांकों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी।
टाटा एमएफ के बिजनेस हेड आनंद वरदराजन ने कहा, ‘गैर इस्तेमाल वाली नकदी गिरावट के दौरान निवेश के तौर पर इस्तेमाल की गई, क्योंकि ताजा ऊंचे स्तरों से बाजार गिरने के बाद मूल्यांकन उचित हो गया।’

अक्टूबर 2021 में मूल्यांकन में तेजी आई थी और मार्च 2023 में यह अपने दीर्घाव​धि औसत पर पहुंच गया।

मार्च में, निफ्टी50 सूचकांक के लिए 12 महीने का ट्रेलिंग पीई अनुपात सितंबर 2021 के अंत के 32 गुना की तुलना में 21 गुना गिर गया।

MOFSL की फंड फोलियो रिपोर्ट से पता चलता है कि नकदी का इस्तेमाल उन फंड हाउसों में ज्यादा दर्ज किया गया, जिनमें फरवरी के अंत में दो अंक की नकदी पूंजी थी।

SBI MF का नकदी स्तर फरवरी के 10.2 प्रतिशत से घटकर मार्च में 9 प्रतिशत रह गया। ऐ​क्सिस एमएफ (Axis MF ) और पीजीआईएम इंडिया एमएफ (PGIM India MF) के मामले में, नकदी स्तर 2.2 प्रतिशत अंक और 6 प्रतिशत अंक तक घट गया।

बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों से पता चलता है कि फंड हाउसों का मार्च के दौरान इ​क्विटी में 20,760 करोड़ रुपये का निवेश था।

वित्त वर्ष 2023 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान म्युचुअल फंडों ने घरेलू शेयरों में 55,000 करोड़ रुपये लगाए, जो वित्त वर्ष 2023 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में उनके द्वारा किए गए 22,700 करोड़ रुपये के निवेश से काफी ज्यादा है।

एमएफ योजनाओं द्वारा फंड के ज्यादा निवेश को पिछले महीने इ​क्विटी योजनाओं में दर्ज किए गए मजबूत प्रवाह से भी मदद मिली।

सक्रिय इ​क्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश मार्च में बढ़कर 20,500 कोड़ रुपये के 12 महीने के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया और इसमें एसआईपी तथा एकमुश्त निवेश दोनों का बड़ा योगदान रहा।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च (Nuvama Alternative & Quantitative Research) की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि मार्च में, फंड प्रबंधकों द्वारा ज्यादातर निवेश इन्फोसिस (Infosys) , रिलायंस (Reliance) , एचडीएफसी (HDFC) , एचडीएफसी एएमसी (HDFC AMC) , और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics) जैसे शेयरों में किया गया।

वित्त वर्ष 2023 में, एमएफ योजनाओं ने घरेलू चक्रीयता आधारित क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया। फंडों ने निजी बैंकों और वाहन क्षेत्र के शेयरों में निवेश 1.5 प्रतिशत तक बढ़ाया।

First Published - April 23, 2023 | 8:46 PM IST

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