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ज्यादा नए ​निवेशक नहीं जोड़ सके म्युचुअल फंड, पिछले साल के मुकाबले करीब 60 लाख का अंतर

वित्त वर्ष 23 में कमजोर इक्विटी बाजार, बैंक एफडी की दरों में इजाफे से म्युचुअल फंडों का आकर्षण घटा

Last Updated- March 21, 2023 | 10:04 PM IST
Mutual funds industry adds 8.1 mn new investor accounts in Apr-May FY25, Mutual Fund उद्योग ने अप्रैल-मई में 81 लाख नए निवेशक खाते जोड़े

पिछले डेढ़ साल में इक्विटी बाजार का सुस्त प्रदर्शन म्युचुअल फंडों के प्रसार के लिहाज से चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 11 महीने में उद्योग ने महज 37 लाख नए निवेशक जोड़े जबकि वित्त वर्ष 22 में करीब 1 करोड़ नए निवेशक जोड़े गए थे। उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

म्युचुअल फंड नए निवेशकों को उनके पैन खाते से पहचानता है। नए पैन के जरिये एमएफ में निवेश को नए निवेशक के जुड़ाव के रूप में गिना जाता है।

म्युचुअल फंड के अधिकारियों व वितरकों के मुताबिक, इक्विटी योजनाओं के अल्पावधि के प्रदर्शन में नरमी के कारण नए निवेशकों का जुड़ाव कम हुआ है। किसी परिसंपत्ति वर्ग में निवेश के समय निवेशक पिछले रिटर्न पर नजर डालता है।

इक्विटी म्युचुअल फंडों की योजनाओं के पिछले एक साल के प्रदर्शन का विश्लेषण करने से पता चलता है कि करीब आधी योजनाएं लाल निशान में हैं और सिर्फ 20 फीसदी योजनाओं ने 5 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

यूनियन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ जी. प्रदीपकुमार ने कहा, प्राथमिक तौर पर इसकी वजह बाजार की स्थिति है। पिछले वर्षों में रिकॉर्ड बढ़त के बाद नए निवेशकों का जुड़ाव कम हुआ है क्योंकि तब बाजार में काफी मजबूती देखने को मिली थी।

इक्विटी योजनाओं के सुस्त प्रदर्शन की वजह पिछले डेढ़ साल में बाजारों की कमजोरी रही है। अक्टूबर 2021 में 18,000 के उच्चस्तर पर पहुंचने वाला निफ्टी-50 तब से 16,000 से 18,000 के दायरे में रहा है। कुल मिलाकर पिछले 18 महीने में सेंसेक्स व निफ्टी 2.6-1.6 फीसदी तक टूटा है।

बाजार पर अपेक्षाकृत उच्च मूल्यांकन, ब्याज दरों में वैश्विक बढ़ोतरी और विदेशी निवेशकों की निकासी के अलावा रूस-यूक्रेन संकट, हिंडनबर्ग-अदाणी मामला और अमेरिका व यूरोप में बैंकों के धराशायी होने का असर पड़ा है।

इसकी तुलना में इक्विटी एमएफ योजनाओं का प्रदर्शन पिछले दो वित्त वर्षों के आखिर में काफी बेहतर नजर आया है। फंडों ने पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड नए निवेशक जोड़े थे। वित्त वर्ष 22 में निफ्टी में 18 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई थी।

आणंद के म्युचुअल फंड वितरक निखिल ठक्कर ने कहा, इक्विटी एक साल पहले के स्तर पर ट्रेंड कर रहे हैं क्योंकि उच्च प्रतिफल वाले निवेश विकल्पों का अभाव है और इक्विटी बाजारों में मजबूत तेजी भी नहीं है। लेकिन ब्याज दरें बढ़ रही हैं और नए निवेशकों को आकर्षित करने के लिहाज से बैंकों की सावधि जमाएं एमएफ के लिए अवरोध साबित हो रही हैं।

साल 2020 में कोविड के कारण आरबीआई की तरफ से ब्याज दरें घटाए जाने के बाद बैंक एफडी की दरें 5 फीसदी के नीचे चली गई थी, लेकिन अब यह करीब 7.5 फीसदी पर है।

इक्विटी में उत्साहजनक नए फंडों की पेशकश के अभाव से भी नए निवेशकों के जुड़ाव में नरमी आई है। हालांकि मौजूदा निवेशक म्युचुअल फंडों में लगातार निवेश बनाए हुए हैं, चाहे बाजार की स्थिति कैसी भी हो।

निवेशकों ने पिछले 12 महीने में हर महीने एसआईपी के जरिये 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। साथ ही रिपोर्ट बताती है कि बाजार में गिरावट के दौरान निवेशक एमएफ ज्यादा निवेश कर रहे हैं।

First Published - March 21, 2023 | 8:22 PM IST

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