Mutual Fund NFO: एसेट मैनेजमेंट कंपनी पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड (PGIM India Mutual Fund) इक्विटी कैटेगरी में नया सेक्टोलर फंड पीजीआईएम इंडिया हेल्थकेयर फंड (PGIM India Healthcare Fund) लेकर आया है। यह न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) 19 नवंबर को पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है और इसमें 3 दिसंबर, 2024 तक निवेश किया जा सकता है। यह स्कीम 11 दिसंबर, 2024 को रेगुलर बिक्री और रीपर्चेज के लिए फिर से खुलेगी। यह हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में निवेश करने वाली एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है। इस फंड के लिए बेंचमार्क BSE Healthcare TRI है।
म्यूचुअल फंड हाउस का कहना है कि इस स्कीम में न्यूनतम 5,000 रुपये और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा न्यूनतम 1,000 रुपये और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में अतिरिक्त खरीद की जा सकती है। इसमें निवेशकों को SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेश का भी मौका है। SIP के जरिए कम से कम 5 किस्त और हर किस्त के लिए कम से कम 1,000 रुपये की राशि और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश किया जा सकता है।
इस स्कीम में एग्जिट लोड है। एकमुश्त/स्विच-इन/ सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) और सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के माध्यम से यूनिट की प्रत्येक खरीद के लिए यूनिट्स के आवंटन की तारीख से 90 दिनों के भीतर रिडम्शन पर 0.50%. एग्जिट लोड है। टोटल एग्जिट लोड (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स का नेट), अगर कोई हो, योजना में जमा किया जाएगा। इस स्कीम में इक्विटी हिस्से का प्रबंधन आनंद पद्मनाभन अंजेनेयन, विवेक शर्मा और उत्सव मेहता करेंगे। जबकि डेट हिस्से का प्रबंधन पुनीत पाल की ओर से किया जाएगा।
PGIM इंडिया एसेट मैनेजमेंट के सीईओ अजीत मेनन का कहना है कि पीजीआईएम इंडिया हेल्थकेयर फंड निवेशकों को भारत के तेजी से बढ़ रहे हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश कर मुनाफा कमाने का एक अच्छा अवसर उपलब्ध देता है। कम लागत, इनोवेशन, हेल्थ इंश्योरेंस के लिए बढ़ती जागरुकता, बढ़ते एफडीआई इन्फ्लो और लगातार बढ़ रहे मेडिकल टूरिज्म और अन्य कई फैक्टर के चलते निवेशकों को इस फंड में निवेश करने का फायदा मिलेगा। उनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति अपने स्वास्थ्य में सबसे अच्छा निवेश कर सकता है। अगला सबसे अच्छा निवेश हेल्थ/हेल्थ इंश्योरेंस के साथ खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखना और एक ऐसे सेक्टर के रूप में हेल्थकेयर में निवेश करना है जो एक स्ट्रक्चरल थीम है।
म्यूचुअल फंड हाउस के मुताबिक, यह स्कीम फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर कंपनियों के शेयरों में कम से कम 80 फीसदी, अन्य इक्विटी, डेट और मनी मार्केट में 20 फीसदी तक, REIT और इनविट्स में 10 फीसदी तक और ओवरसीज ईटीएफ सहित फॉरेन सिक्योरिटीज में 20 फीसदी तक निवेश करेगी।
यह फंड हेल्थकेयर इंडस्ट्रीज के भीतर हेल्थकेयर सर्विसेज और हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग सहित अलग अलग क्षेत्रों में निवेश करने पर विचार कर सकता है। हेल्थकेयर सर्विसेज में फार्मेसी, डायग्नोस्टिक्स, अस्पताल और हेल्थ इंश्योरेंस शामिल हैं। हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग में CRAMS (कांट्रैक्ट रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज), मेडिकल डिवाइसेज, स्पेशिएलिटी केमिकल्स, फॉर्मूलेशन और एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट) शामिल हैं।
डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।