न्यूयार्क लाइफ इंश्योरेंस की अंतरराष्ट्रीय कंपनी न्यूयार्क लाइफ इंटरनेशनल एलएलसी मैक्स इंडिया के साथ संयुक्त उपक्रम को लेकर उत्साहित है। न्यूयार्क लाइफ इंटरनेशनल के चेयरमैन और सीईओ रिचर्ड मूची हाल में इस संयुक्त उपक्रम की बैठक में भाग लेने भारत आए थे। इस दौरान प्रशांत साहू और सिद्धार्थ जराबी ने उनसे बातचीत की। उन्होंने बताया कि वह भारतीय बीमा कानून में बदलाव का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह मैक्स न्यूयार्क लाइफ में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा कर 49 फीसदी कर सकें। मैक्स लाइफ भारतीय जीवन बीमा बाजार में कारोबार कर रही 16 निजी जीवन बीमा कंपनियों में से एक है, जिनका लगभग आधे बाजार पर कब्जा है।
अमेरिकी वित्तीय बाजार में आए संकट का न्यूयॉर्क लाइफ पर क्या असर पड़ा है?
इस संकट से कोई अछूता नहीं रहा है। हालांकि हम पर इसका कम ही प्रभाव पड़ा। हमारी बैलेंस शीट काफी मजबूत है और हमारे पास 14 अरब डॉलर की नगदी है। जो आवश्यक सीमा से अधिक है। कंपनी को रेटिंग एजेंसियों से सबसे ऊंची रेटिंग मिली है। किसी भी क्षेत्र में निवेश से पहले हम पूरी जांच कर लेते हैं। न्यूयार्क लाइफ एक पूरी तरह से डाइवर्सिफाइड कंपनी है। हमने पहले ही यह अनुमान लगा लिया था कि मॉर्गेज बाजार में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसका प्रभाव फ्रेडी मैक और फेनी मेई जैसी मॉर्गेज एजेंसियों पर पड़ सकता है। इसलिए हमारा इन कंपनियों में कोई इक्विटी या डेट एक्सपोजर नहीं था। मैं सोचता हूं कि हमने कुछ अच्छे निर्णय लिए। हम बाजार में पिछले 163 सालों से है। इतने लंबे समय में कंपनी अमेरिकी अर्थव्यवस्था का हर पहलू देख चुकी है। हमारी कंपनी एक म्युचुअल कंपनी है जिसका मालिकाना हक पॉलिसी होल्डरों के पास है लिहाजा हम अधिक जोखिम नहीं ले सकते। हम यह कंपनी अपने पॉलिसी होल्डरों के फायदे के लिए चलाते हैं। इसलिए कंपनी चलाने और निवेश करने में हम दूरदर्शिता बरतते हैं।
भारतीय बाजार के विस्तार के लिए आपकी रणनीति क्या है?
हम एक बड़ा वितरण चैनल बना रहे हैं। इसमें एजेंसी स्टिम पर जोर दिया गया है। इस रणनीति को मैक्स और न्यू लाइफ दोनों कंपनियों के शेयरधारकों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। कारोबार बढ़ाने और चैनल सिस्टम के विकास दोनों क्षेत्रों में कंपनियों द्वारा अब तक की गई तरक्की से हम बेहद खुश हैं। अगले तीन–चार सालों में हमारा लक्ष्य बिक्री से मिलने वाले प्रीमियम के आधार पर कंपनी को श्रेष्ठ पांच में लाना है।
क्या आप मैक्स न्यूयार्क लाइफ को सूचीबद्ध कराना चाहेंगे?
भविष्य में यह इसकी संभावना है, लेकिन हाल फिलहाल तो हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है। वर्तमान में दोनों पार्टनरों की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत है। वे कंपनी की पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। अभी हमारे पास मैक्स न्यू लाइफ जैसी नई एसेट में निवेश करने के लिए अतिरिक्त पूंजी है।
क्या मैक्स न्यूयार्क लाइफ ने लाभ कमाना शुरु कर दिया है?
अभी इसमें नुकसान हो रहा है। यह बिलकुल भी अप्रत्याशित नहीं है। लाइफ इंश्यारेंस में पॉलिसी जारी करने और दूसरी वितरण लागतों की रनिंग कास्ट के लिए आपको पूंजी निवेश की जरूरत पड़ती ही है। हालांकि कंपनी बेहद तेजी से बढ़ रही है। लेकिन हम लोग मूल्यांकन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। हमारी नजर अपने निवेश से भविष्य की वैल्यू, भविष्य के रिवेन्यू स्ट्रीम पर है। हमारा मानना है कि अगले तीन से चार सालों में कंपनी लाभ की स्थिति में आ जाएगी। लक्ष्य कुछ साल पीछे कर दिया गया है क्योंकि कंपनी को विकास के अन्य अवसर मिले हैं। नतीजतन हम विकास पर निवेश कर रहे हैं। हमने सही कदम उठाया है। यह बेहद जरूरी भी है।
क्या आप इस संयुक्त उपक्रम में अपनी हिस्सदारी बढ़ाना चाहते हैं?
हम बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाने के पक्षधर रहे हैं। हम चाहेंगे कि मैक्स न्यूयार्क लाइफ में भविष्य में अधिक हिस्सेदारी बढ़ाने के विकल्प हों। हमारी इस उपक्रम में 26 फीसदी हिस्सेदारी है। इसे बढ़ाकर 49 फीसदी करने का विकल्प हमने अपने पास रखा है। हालांकि यह इस क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ने पर ही निर्भर रहेगा। विदेशी निवेश में बढ़ोतरी से इस क्षेत्र में पूंजी बढ़ेगी। हम कंपनी में अधिक निवेश की इच्छा रखते हैं। यह हमारे लिए एक अच्छा निवेश साबित हो सकता है।
अभी हम भारत और चीन सहित छह एशियाई देशों में कारोबार कर रहे हैं। भारत में हमारा कामकाज तेजी से बढ़ रहा है।
क्या आप इस संयुक्त उपक्रम में और पैसा लगाने जा रहे हैं ?
हम हर साल अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। मैक्स न्यूयार्क लाइफ की इक्विटी कैपिटल 2011 में 1,432 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,600 करोड़ रुपये हो जाएगा। इस वर्ष तक कंपनी अपने मौजूदा 408 कार्यालयों की संख्या को 1600 तक ले जाना चाहेगी। इस तरह वह एजेंटों की संख्या को 54,000 से बढ़ाकर 3,50,000 करने और पॉलिसीधारकों की संख्या को मौजूदा 28.5 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ करना चाहती है। कंपनी में वर्तमान में 13,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। वह इनकी संख्या को बढ़ाकर 25,000 करना चाहती है।
मैक्स के साथ संयुक्त उपक्रम में बदलाव की जरूरत क्यों आन पड़ी ?
संयुक्त उपक्रम के मसौदे में हुए फेरबदल से कंपनी के शेयरधारकों और कंपनियों के बीच बढ़ी परस्पर समझबूझ के रूप में देखा जा रहा है। इसके तहत सरकार से अनुमति मिलने की स्थिति में न्यूयार्क लाइफ अपनी हिस्सेदारी में 24 फीसदी का इजाफा कर सकता है।