मुंबई की दलाल स्ट्रीट में कच्चे तेल की फिसलन से सोमवार को कमोबेश सारे क्षेत्र, निवेशक और ढेरों कंपनियों के शेयर फिसल कर औंधे मुंह गिर पड़े।
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने और चौतरफा बिकवाली से शेयर बाजारों में दिनभर उठा-पटक का दौर जारी रहा। सप्ताह के पहले कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ खुलने वाला सेंसेक्स दोपहर से पहले ही करीब 700 अंक लुढ़क चुका था। निफ्टी भी 200 अंक गिरकर 4,500 के स्तर से नीचे चला गया था।
दोपहर बाद सेंसेक्स ने थोड़ी वापसी की और 550 से 450 की गिरावट के बीच झूलता रहा। कारोबार खत्म होने पर 506.08 अंकों की गिरावट के साथ 15,066.10 के स्तर पर बंद हुआ।
निफ्टी में 126.85 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 4,500.95 के स्तर पर बंद हुआ, जो 19 मार्च के बाद का सबसे कम स्तर है। बीएसई मिडकैप सूचकांक 2.5 फीसदी, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक में 3.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। फार्मा को छोड़ सभी शेयर भारी नुकसान में रहे।
700 अंकों का गोता लगाकर सेंसेक्स 506 अंकों की गिरावट पर बंद
रियल एस्टेट और आईटी धराशायी
बीएसई में सबसे ज्यादा गिरावट रियल एस्टेट और आईटी सेक्टर में दिखी। रीयल एस्टेट सूचकांक में तकरीबन 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, वहीं आईटी सूचकांक में 4 फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
किन शेयरों में आई फिसलन
डीएलएफ, ओएनजीसी, एचडीएफसी, जयप्रकाश एसोसिएट्स, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, सत्यम, एसबीआई, टीसीएस, विप्रो, भेल।
ये थीं हिचकोलों की वजहें
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आसमान छूती कीमतें, वैश्विक बाजार से मिले नकारात्मक संकेत, मुद्रास्फीति के दहाई अंक तक पहुंचने की आशंका, विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से रकम वापस लेने और चौतरफा बिकवाली।